Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर जिले में हुई भयंकर ट्रेन दुर्घटना में मरनेवालों की संख्या बढ़ती जा रही है. PTI के अनुसार, इस दुर्घटना में 261 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मौके पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है. इस मामले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है.
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज ओडिशा के बालासोर पहुंचे, यहां दुर्घटनास्थल का जायजा लेने के बाद वो अस्पतालों में घायलों से मिले. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार पीड़ितों के साथ है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो भी दोषी होगा, बख्शा नहीं जाएगा.
'कवच होता तो ऐसा नहीं होता'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बालासोर पहुंची और दुर्घटना स्थल का दौरा किया. उन्होंने इस ट्रेन हादसे को सदी की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना बताया.
उन्होंने कहा, 'ऐसा ही हादसा 1981 में भी हुआ था. इस ट्रेन में एंटी कोलिशन डिवाइस नहीं था, अगर होता तो ये हादसा नहीं होता. हमारे राज्य (पश्चिम बंगाल) के जिन लोगों की इस हादसे में मृत्यु हो गई, उनके परिजनों को हम 5-5 लाख रुपए देंगे. हम राहत और बचाव कार्य में राज्य सरकार और रेलवे का पूरा सहयोग करेंगे.'
बालासोर जिले के बाहानागा बाजार स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर पनपना के पास जिन तीन ट्रेनों में टक्कर हुई, उनमें यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल हैं. इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य में भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया है.
मृतकों के परिवारों को मुआवजा
रेल मंत्री ने जान गंवाने वालों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और अन्य घायलों को 50-50 हजार मुआवजे की घोषणा की है. वहीं PM मोदी ने भी बालेश्वर ट्रेन हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने इस भीषण रेल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है. PMO के मुताबिक, मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा, जबकि घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी.
CRS पता लगाएंगे- क्यों हुई दुर्घटना
दक्षिण पूर्व सर्किल के रेलवे सेफ्टी कमिश्नर(CRS) इस दुर्घटना की जांच करेंगे. बता दें कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करते हैं और ऐसे सभी हादसों की जांच करते हैं. रेलवे के एक PRO ने बताया कि AM चौधरी मामले की जांच करेंगे. फिलहाल आधिकारिक तौर पर ये स्पष्ट नहीं है कि रेल दुर्घटना का कारण क्या था. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सिग्नल सिस्टम फेल्योर के चलते ये दुर्घटना हुई होगी!
फरवरी में, उत्तर प्रदेश में दो मालगाड़ियों के बीच आमने-सामने की टक्कर के बाद, रेलवे ने लोको पायलटों द्वारा पटरी से उतरने और संकेतों को पार करने जैसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक महीने का सुरक्षा अभियान शुरू किया था, जिसके तहत रेलवे बोर्ड, जोनल रेलवे और डिवीजनों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे विभिन्न वर्गों, चालक दल के लॉबी, रखरखाव केंद्रों, कार्य स्थलों आदि का दौरा करें और सुरक्षा जांच की समीक्षा करें.
कवच सिस्टम रोकेगा दुर्घटनाएं!
रेलवे ऐसी दुर्घटना को रोकने के लिए 'कवच' तकनीक भी स्थापित करने की प्रक्रिया में है. ये ऐसी तकनीक है, जो किसी लोको पायलट के सिग्नल तोड़ने या रोक के बावजूद आगे निकलने पर अलर्ट करती है. ट्रेन में टक्कर होने का ये एक प्रमुख कारण है. कवच सिस्टम लोको पायलट को सतर्क कर सकता है, ब्रेक पर नियंत्रण कर सकता है और ट्रेन को ऑटोमेटिकली रोक देता है. इसके साथ ही उसी ट्रैक पर एक निर्धारित दूरी के भीतर आ रही दूसरी ट्रेन को सूचित कर देता है.