GST विभाग के अधिकारियों ने देशभर में चलाए जा रहे 2 महीने के विशेष अभियान के तहत अब तक 4,900 से अधिक GST पंजीकरण रद्द किए हैं. इसके साथ ही 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये जानकारी दी है.
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, एसोचैम (ASSOCHAM) के GST राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के सदस्य शशांक प्रिय ने कहा कि इस विशेष अभियान के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी GST पंजीकरण सामने आए, जो बताता है कि GST रजिस्ट्रेशन रिटर्न दाखिल प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत है.
4,972 GST रजिस्ट्रेशन रद्द
GST राष्ट्रीय सम्मेलन में शशांक प्रिय ने कहा कि इस अभियान के तहत 4 जुलाई तक 69,600 से अधिक GST-IN को भौतिक सत्यापन के लिए चुना गया था, जिनमें से 59,178 को फील्ड अधिकारी सत्यापित कर चुके हैं. जांच के दौरान 16,989 GST-IN के मौजूद नहीं होने का पता चला. इसके अलावा 11,015 GST-IN को निलंबित किया गया है, जबकि 4,972 GST रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं.
87 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली
IRS अधिकारी और CBIC सदस्य शशांक प्रिय ने बताया कि फर्जीवाड़े के इन मामलों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का पता चला है. उन्होंने कहा, 'करीब 1,506 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) ब्लॉक किया गया है, जबकि 87 करोड़ रुपये के टैक्स की वसूली की गई है.
जुलाई 2017 में GST लागू हुआ था और तब से अब तक 6 साल के दौरान GST पंजीकृत कंपनियों की संख्या दोगुनी बढ़कर 1.40 करोड़ पहुंच गई है. वहीं अब तक फर्जी तरीकों से करीब 3 लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी होने का अनुमान है.
कमियां दूर करनी होंगी
शशांक प्रिय ने कहा कि इस विशेष अभियान के दौरान फर्जीवाड़े और टैक्स चोरी के जो मामले सामने आए हैं, उन्हें देखते हुए GST पंजीकरण और रिटर्न प्रक्रिया में खामियों की पहचान करनी होगी. इसके अलावा पंजीकरण सत्यापन के लिए मापदंडों को और ज्यादा सख्त करने की जरूरत है.
कारोबारी सुविधा को लेकर उन्होंने कहा, 'मासिक और रिटर्न फॉर्म GSTR-3B को और अधिक अनुकूल बनाने की जरूरत है. बता दें कि GST के तहत फर्जी पंजीकरण पर अंकुश लगाने के लिए 16 मई से विशेष अभियान शुरू किया गया है, जो शुरू 15 जुलाई को समाप्त होगा.