डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Digital Personal data protection Bill) ) को कैबिनेट (Union Cabinet) ने मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की आज हुई बैठक में चर्चा के बाद इस बिल को हरी झंडी मिल गई है.
मॉनसून सत्र में पेश होगा डेटा प्रोटेक्शन बिल!
निजी डेटा को सुरक्षित करने वाला ये पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल आने वाले मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है. कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा ता कि सरकार को उम्मीद है कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल और टेलीकम्यूनिकेशन बिल को संसद के मॉनसून सत्र से पास करवा लिया जाएगा.
इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि डेटा प्रोटेक्शन बिल तैयार है और इसे जुलाई में संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा.
2019 में पेश हुआ था बिल
डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 को 11 दिसंबर, 2019 को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में पेश किया था. इस बिल में डेटा प्रोटेक्शन, डेटा शेयरिंग और डेटा स्टोरेज को लेकर कड़े प्रावधान किए गए थे. हालांकि जिस समिति को बिल भेजा गया था, उसने इस पर चिंता जताई थी, फिर बिल में 88 संशोधनों का सुझाव दिया था, जिसमें लगभग 90 सेक्शन हैं.
इस बिल ने टेक और सोशल मीडिया कंपनियों में काफी दिलचस्पी पैदा की है. 20 हजार से अधिक सुझावों का अध्ययन किया गया और बिल को सरल बनाया गया है और यूजर्स सुरक्षा को इसके केंद्र में रखा गया है.
पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल-2019 को ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी को भेजा गया था, जहां पर ये दो साल बहस का मुद्दा रहा, फिर 2021 में कमिटी ने इस पर अपनी रिपोर्ट सौंपी, इसके बाद अगस्त 2022 में सरकार ने कंप्लायंस संबंधित दिक्कतों का हवाला देते हुए इस बिल को वापस ले लिया था.