ममता सरकार को हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका, 25,000 टीचर्स की भर्ती रद्द, लौटानी होगी पूरी सैलरी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में 25,753 नौकरियां रद्द करने का आदेश दिया है.

Photo: X/@MamataOfficial

शिक्षक भर्ती (Teachers Recruitment Case) घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार (TMC) को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta HighCourt) ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में 25,753 नौकरियां रद्द करने का आदेश दिया है.

कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद इन सभी शिक्षकों को चार हफ्ते में वेतन भी वापस करना होगा. इन सभी टीचर्स को 12% ब्याज के साथ ये वापस लौटाना होगा.

CBI को जांच करने का निर्देश

जस्टिस देबांग्शु बसाक और जस्टिस मोहम्मद शब्बार राशिदी की बेंच ने CBI को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में और जांच करने तथा तीन महीनों में एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. बेंच ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग को नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया है. बेंच ने कहा कि खाली ओएमआर (OMR) शीट जमा करने के बाद अवैध रूप से भर्ती किए गए स्कूल शिक्षकों को चार सप्ताह के भीतर ज्वाइनिंग के बाद से लेकर अबतक लिया गया पूरा वेतन वापस करना होगा. जिलाधिकारियों को इन शिक्षकों से पैसा वसूलने का काम सौंपा गया है.

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फैसले को चुनौती दे सकती है TMC सरकार

राज्य सरकार इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है. शिक्षक भर्ती मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत कई तृणमूल नेता और पूर्व अधिकारी जेल में हैं. कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि BJP नेता 'न्यायपालिका और निर्णयों को प्रभावित कर रहे हैं.'

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला

पश्चिम बंगाल के स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने साल 2014 में टीचर्स भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था. उस वक्त पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. ये भर्ती 2016 में शुरू हुई थी. लेकिन आवेदकों ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. आरोप ये लगाया था  इस भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गई. आवेदकों ने कहा था कि नंबर कम होने के बावजूद नौकरियां दी गईं, जबकि नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोगों ने TET क्लीयर नहीं किया था. 

इस शिक्षक भर्ती में 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक उम्मीदवार राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 में उपस्थित हुए थे, जबकि रिक्तियों के लिए 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे. इसमें कक्षा 9, 10, 11 और 12 के शिक्षकों और ग्रुप-सी और डी कर्मचारियों के पद शामिल थे. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले साल 2016 में WBSCC द्वारा गठित पैनल को खारिज कर दिया और 36,000 अप्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी. बाद में ये आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया था.

जज अभिजीत गांगुली, जिन्होंने इस मामले में CBI जांच का भी आदेश दिया था, ने सत्तारूढ़ TMC के साथ कई विवादों के बाद इस्तीफा दे दिया और अब मौजूदा लोकसभा चुनाव में BJP के उम्मीदवार हैं.