प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच हुई मुलाकात हुईस जिसमें कई समझौते हुए और कई मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा भी हुई. व्हाइट पहुंचने पर डॉनल्ड ट्रंप ने PM मोदी को गले लगाकर स्वागत किया. ट्रंप ने मोदी से मुलाकात पर कहा कि वो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लंबे समय से हमारे बीच बहुत अच्छा रिश्ता रहा है.
MAGA+MIGA
दोनों नेताओं के बीच चार घंटे तक चली मुलाकात के बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि टैरिफ, ट्रेड, सुरक्षा, आतंकवाद, परमाणु सहयोग समेत कई जरूरी मुद्दों पर चर्चा की गई. दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के उद्देश्य से कई पहलों की घोषणा की. इस दौरान आर्थिक, रक्षा और तकनीकी सहयोग तक बढ़ती साझेदारी पर जोर दिया गया.
PM मोदी ने इस बैठक को 'Mega Partnership' की शुरुआत बताया, जो "MAGA" (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) और "MIGA" (मेक इंडिया ग्रेट अगेन) के एकीकरण का प्रतीक है. PM मोदी ने कहा कि मेरे शानदार स्वागत और सत्कार के लिए आभार व्यक्त करता हूं, ट्रंप के आने से भारत और अमेरिका के संबंध और जीवंत हुए हैं.
अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के के मिशन MAGA से परिचित हैं, भारत की जनता भी विरासत और विकास की पटरी पर विकसित भारत 2047 की तरफ तेजी से बढ़ रही है, विकसित भारत का मतलब मेक इंडिया ग्रेट अगेन यानी MIGA है. भारत और अमेरिका जब साथ काम करते हैं, तो MAGA+MIGA बन जाता है- मेगा पार्टनरशिप फॉर प्रॉस्पैरिटी. यही हमारे लक्ष्यों को स्कोप और स्केल देता है.
ट्रेड को 500 बिलियन डॉलर करेंगे
आर्थिक सहयोग को केंद्र में रखते हुए दोनों नेताओं ने एनर्जी, डिफेंस और टेक्नोलॉजी सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 500 बिलियन डॉलर करने का का फैसला किया है. PM मोदी ने I-MEECH इकोनॉमिक कॉरिडोर, ISRO, NASA के जरिए अंतरिक्ष में सहयोग और महत्वपूर्ण खनिजों के लिए सप्लाई चेन को मजबूत करने जैसी पहलों की शुरुआत के बारे में भी बताया. भारत और अमेरिका AI, सेमीकंडक्टर, बॉयोटेक्नॉलजी, क्वांटम में मिलकर काम करेंगे. TRUST (ट्रांसफॉर्मिंग रिलेशनशिप यूटिलाइजिंग स्ट्रैजिक टेक्नॉलजी) पर सहमति बनी है. जिसमें क्रिटिकिल मिनिरल, एडवांस्ड मैटेरियल और फॉर्मास्युटिल की मजबूत सप्लाई चेन बनेगी.
रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा
दोनों देशों ने तय किया है कि जॉइंट डेवलपमेंट और जॉइंट प्रोडक्शन और ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी की दिशा में सक्रिय रूप से आगे बढ़ेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत में अमेरिकी सैन्य बिक्री को कई करोड़ डॉलर तक बढ़ाने की योजना है. जिसमें भारत को एडवांस्ड F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान देने की संभावना भी शामिल है. राष्ट्रपति ने तेल और गैस सहित ऊर्जा बिक्री को बढ़ावा देने की योजना के बारे में भी बात की. बैठक में ट्रंप ने कहा कि वो चाहते हैं कि भारत अमेरिका से ज्यादा से ज्यादा कच्चा तेल और नैचुरल गैस खरीदे. प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा सहयोग के लिए एक रूपरेखा के साथ एक ऑटोनॉमस सिस्टम इंडस्ट्री अलायंस शुरू करने की योजना की भी घोषणा की जो आने वाले दशक को आकार देगा.
टैरिफ पर क्या बात बनी!
राष्ट्रपति ट्रंप और PM मोदी की मुलाकात हो और टैरिफ को लेकर सवाल न पूछें जाएं, ये तो मुमकिन नहीं. इसलिए साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने ट्रंप से पूछा कि आप PM मोदी को हमेशा अच्छा नेगोशिएटर बताते हैं, लेकिन आज नेगोशिएशन में कौन किस पर भारी रहा? इस सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने मुस्कुराते हुए कहा, 'वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा) मुझसे ज्यादा टफ नेगोशिएटर हैं, मुझे कहीं बेहतर नेगोशिएटर हैं. नेगोशिएशन में इनसे मेरा कोई मुकाबला नहीं है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार असंतुलन को पर जोर देते हुए कहा कि अमेरिकी चीजों पर भारत के ऊंचा टैरिफ लगता है. खासकर ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट सेक्टर में. उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश बातचीत के जरिए करीब 100 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने की दिशा में काम करेंगे. ट्रंप ने कहा, "हम एक लेवल प्लेइंग फील्ड चाहते हैं और हम तेल और गैस की बिक्री से उस घाटे को आसानी से पूरा कर सकते हैं.
भारत अमेरिकी परमाणु ऊर्जा का स्वागत करने के लिए अपने कानूनों में सुधार कर रहा है. हालांकि ट्रंप पहले ही अपने एग्जिक्यूटिव ऑर्डर्स पर साइन कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वो रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे, यानी जो देश जितना टैरिफ लगाएगा हम भी उतना ही टैरिफ उनके सामानों पर लगाएंगे.
अवैध इमिग्रेशन
PM मोदी ने भी साफ कहा है कि अगर कोई भारतीय अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा है तो भारत उसे वापस लेने को तैयार है. PM मोदी ने कहा कि जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. जहां तक भारत और अमेरिका का सवाल है, हमने हमेशा कहा है कि जो लोग सत्यापित हैं और वास्तव में भारत के नागरिक हैं, अगर वे अवैध रूप से अमेरिका में रहते हैं, तो भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है. PM मोदी ने कहा कि हमें मानव तस्करी के इस पूरे सिस्टम को खत्म करना होगा. अमेरिका और भारत की कोशिश रहे कि हम ऐसे इकोसिस्टम को जड़ से उखाड़ फेकें. मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत का पूरा सहयोग करेंगे.
मुंबई हमले का माइस्टमाइंड सौंपा जाएगा
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता दिखाई है. PM मोदी को अमेरिका दौरे पर बड़ी कामयाबी मिली है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा.ट्रंप ने कहा, 'मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले से जुड़े राणा को भारत में न्याय का सामना करना होगा. भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है. पाकिस्तानी मूल का राणा एक कनाडाई नागरिक है, जो कि अभी अमेरिका की जेल में बंद है. अमेरिका में तहव्वुर राणा को साल 2013 में डेविड कोलमैन हेडली के साथ मुंबई के हमले को अंजाम देने और डेनमार्क में हमले की योजना बनाने के आरोप में दोषी पाया गया था.