प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के सीवान में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. उन्होंने राज्य को आत्मनिर्भर भारत का मजबूत इंजन बनाने का संकल्प दोहराया.
प्रधानमंत्री ने मढ़ौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री से बने पहले इंजन को अफ्रीका के लिए रवाना कर ‘मेक इन इंडिया’ के वैश्विक विस्तार की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि बिहार अब सिर्फ मखाना, फल और सब्जी नहीं, बल्कि उच्च तकनीक वाले उत्पादों का भी निर्यात करेगा.
मोदी ने बिहार के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह धरती लोकतंत्र की प्रेरक भूमि रही है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में बिहार में 55,000 किमी ग्रामीण सड़कें बनीं, 1.5 करोड़ घरों को बिजली और जल कनेक्शन मिले.
उन्होंने गरीबी हटाने में राज्य की भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि बिहार में 4 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं. PM ने कहा, 'हमने विकास में दलित, महादलित, पिछड़े वर्ग को प्राथमिकता दी है.'
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 1.10 लाख नए घरों की मंजूरी दी और 50,000 से अधिक लाभार्थियों को आवास की किस्तें सौंपीं. जल जीवन मिशन और नमामि गंगे योजना के तहत 1800 करोड़ रुपये की जल परियोजनाओं और 3,000 करोड़ से अधिक की स्वच्छता व सीवेज ट्रीटमेंट योजनाओं की भी नींव रखी गई.
रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाते हुए PM ने नई वैशाली-देवरिया रेललाइन और पटना-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई.
प्रधानमंत्री ने युवाओं और उद्योग के लिए बिहार को नए अवसरों का केंद्र बताते हुए कहा कि 'अब बिहार के बनाए इंजन दुनिया को चलाएंगे.' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई केंद्रीय मंत्री और गणमान्य लोग मौजूद रहे.