देश हो या विदेश; अपने बच्चे की शिक्षा के लिए कैसे करें तैयारी, इन 5 बातों का रखें ध्यान

अपने बच्चे की शिक्षा के लिए पैसा जुटाने के लिए सही फाइनेंशियल प्लानिंग करना बहुत जरूरी है.

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जब आपके बच्चे के भविष्य की बात आती है, तो भारत या विदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना आपकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. लेकिन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में शिक्षा की बढ़ती लागत (Education Costs) कई माता-पिता के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है. हालांकि पैसे बचाना जरूरी है लेकिन ये हमेशा पर्याप्त नहीं होता.

अपने बच्चे की शिक्षा के लिए पैसा जुटाने के लिए सही फाइनेंशियल प्लानिंग करना बहुत जरूरी है. आइए जानें कि आप अपने बच्चे की शिक्षा के वित्तीय पहलुओं की योजना कैसे बना सकते हैं और उसका प्रबंधन कैसे कर सकते हैं, चाहे वो कहीं भी पढ़ाई करना चाहें.

भविष्य के शिक्षा से जुड़े खर्च का अनुमान लगाएं

शिक्षा की लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे खर्चों का अनुमान लगाना महत्वपूर्ण हो गया है जैसे ट्यूशन, रहने का खर्च आदि.

ट्यूशन फीस: भारत में शीर्ष संस्थानों या निजी विश्वविद्यालयों में ट्यूशन फीस कई लाख रुपये तक हो सकती है, कभी-कभी 20 लाख रुपये तक भी पहुंच सकती है. अमेरिका या ब्रिटेन जैसे देशों में विदेश में पढ़ाई करना और भी महंगा हो सकता है, जिसमें सालाना खर्च 30 लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा हो सकता है.

रहने का खर्च: किराया, यूटिलिटीज, भोजन और परिवहन विदेशों में खास तौर पर बड़े शहरों में लागत में काफी बढ़ोतरी करते हैं.

जल्दी बचत शुरू करें

जल्दी शुरुआत करने से आपका पैसा बढ़ता है और निवेश को मैनेज किया जा सकता है. छोटी अवधि के लक्ष्यों (दो से पांच साल) के लिए स्थिर, कम जोखिम वाले रिटर्न के लिए ज्यादा ब्याज वाले सेविंग्स अकाउंट्स या फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर विचार करें. लंबी अवधि की योजनाओं (पांच साल से ज्यादा) के लिए म्यूचुअल फंड पारंपरिक बचत साधनों की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.

स्कॉलरशिप और स्टूडेंट लोन पर विचार करें

स्कॉलरशिप उच्च शिक्षा की लागत को बहुत कम कर सकती है. भारत और विदेशों में कई विश्वविद्यालय योग्यता और जरूर के आधार पर मदद देते हैं. अवसरों का अधिकतम फायदा लेने के लिए जल्दी से रिसर्च करना शुरू करें. स्कॉलरशिप के साथ-साथ एजुकेशन लोन फंडिंग में मदद करता है. बैंकों में ब्याज दरों की तुलना करें.

बच्चों को विदेश भेजने से जुड़े खर्चों के लिए तैयार रहें

आपके बच्चे के विदेश जाने से पहले आपको कुछ अतिरिक्त खर्चों पर विचार करना होगा. दस्तावेजों और मेडिकल टेस्ट से लेकर वीजा शुल्क तक इसमें कई तरह के खर्च शामिल हैं. कई देशों में छात्र वीजा देने से पहले छात्रों के पास मेडिकल बीमा होना भी जरूरी होता है. इन खर्चों के लिए पहले से ही बजट बनाना शुरू कर दें.

करेंसी एक्सचेंज और महंगाई को ध्यान में रखें

शिक्षा की लागत में, खासकर जब विदेश में पढ़ाई की जाती है मुद्रा विनिमय दरों और महंगाई में बदलाव के कारण उतार-चढ़ाव हो सकता है. अपने बच्चे के लिए एक अंतरराष्ट्रीय बैंक खाता खोलने और प्रीपेड मुद्रा करेंसी का इस्तेमाल करने पर विचार करें. इससे फंड ट्रांसफर करना आसान और ज्यादा लागत प्रभावी हो जाएगा, क्योंकि कुछ कार्ड पारंपरिक बैंक ट्रांजेक्शन की तुलना में बेहतर विनिमय दरें देते हैं.

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