दलाल स्ट्रीट पर शेयरों की लगातार बिकवाली से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है, रुपया पहली बार 84 रुपए प्रति डॉलर को पार कर गया और 84.07 पर बंद हुआ.
ब्लूमबर्ग के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.96 रुपये पर खुलने के बाद 84.03 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक कमजोर हो गया. गुरुवार को रुपया 83.98 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
रुपये पर दबाव शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भी आई है. विदेशी निवेशकों ने लगातार नौवें दिन भारतीय बाजार में बिकवालीकी है. NSE के आंकड़ों के अनुसार पिछले नौ सत्रों में FIIs ने 65,200 करोड़ रुपये से अधिक के घरेलू शेयर बेचे हैं. हालांकि इसी अवधि में DIIs ने 67,500 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं. DIIs की खरीदारी से शेयर बाजार में तो बड़ी गिरावट नहीं आई, मगर FIIs की बिकवाली से रुपये पर दबाव बन गया. FIIs भारत से पैसे निकालकर चीन में निवेश कर रहे हैं.
क्या है गिरावट की बड़ी वजह?
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स LLP के अनिल कुमार भंसाली के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का शेयर बाजार में बिकवाली और डॉलर की खरीदना जारी रखने के कारण रुपए ने एक नया निचला स्तर बनाया है.
भंसाली ने दिन के लिए 83.85 से 84.05 के दायरे में कारोबार का अनुमान लगाया है. उन्होंने एक्सपोर्ट को अपटिक्स पर बेचने की सलाह दी. उनके मुताबिक शॉर्ट टर्म में रुपया गिरकर 84.25 तक पहुंच सकता है.
CR फॉरेक्स एडवाइजर्स के अमित पाबरी ने कहा कि मिल्टन तूफान (Hurricane Milton) के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जिससे भारत के व्यापार घाटे पर और दबाव बढ़ रहा है. हालांकि, पाबरी रुपये के लिए एक उज्जवल दृष्टिकोण देखते हैं, क्योंकि निकट भविष्य में पर्याप्त इनफ्लो से समर्थन मिलने की उम्मीद है.