मैन्युफैक्चरिंग PMI नवंबर में बढ़ी, लागत में इजाफा नहीं होने से मिली मदद

S&P ग्लोबल के मुताबिक भारत का मैन्युफैक्चरिंग पर्चेंजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (Manufacturing PMI) अक्टूबर में 55.5 से बढ़कर नवंबर में 56 पर रहा है.

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भारत की मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) गतिविधियों में नवंबर के दौरान बढ़ोतरी देखने को मिली है. इससे पहले ये अक्टूबर में गिरकर आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. इनपुट कॉस्ट पर बेस्ड महंगाई (Inflation) गिरकर 40 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. S&P ग्लोबल के मुताबिक भारत का मैन्युफैक्चरिंग पर्चेंजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (Manufacturing PMI) अक्टूबर में 55.5 से बढ़कर नवंबर में 56 पर रहा है.

ये आंकड़ा 50 से ज्यादा रहने का मतलब बढ़ोतरी होती है. जबकि 50 से कम रहने पर गिरावट का पता चलता है.

मैन्युफैक्चर्रस को मिल रहा ज्यादा काम

इसमें देखने वाली बात ये है कि कीमतें घटी हैं. हालांकि एवरेज पर्चेजिंग कॉस्ट में दोबारा इजाफा आया है. लेकिन महंगाई 40 महीने तक बढ़ने के बाद घटकर निचले स्तर पर आई है. मैन्युफैक्चर्रस को मिलने वाले नए काम में नवंबर में बढ़ोतरी हुई है. सर्वे में शामिल कंपनियों ने अच्छी डिमांड, बेहतर क्लाइंट की जरूरतों और पॉजिटिव मार्केट की बात कही.

सेक्टर में नौकरियां भी बढ़ीं

लगातार 20वें महीने नए एक्सपोर्ट ऑर्डर बढ़े हैं. हालांकि ये जून के बाद सबसे धीमा स्तर है. अच्छी बात ये है कि भारत में अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका से लगातार आठवें महीने नए कारोबार बढ़े हैं.

भारत में मैन्युफैक्चरिंग एंप्लॉयमेंट लगातार आठवें महीने बढ़ा है. नया काम आ रहा है और अच्छे माहौल के बीच नौकरियों की संख्या भी बढ़ी है.

नवंबर में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए आउटलुक अच्छा बना है. कंपनियों के लिए डिमांड बढ़ रही है. मार्केटिंग के नए प्रोग्राम चल रहे हैं. और क्लाइंट्स नए प्रोडक्ट्स को लेकर पूछताछ कर रहे हैं. हालांकि ओवरऑल पॉजिटिव सेंटिमेंट का स्तर कीमतें बढ़ने की संभावना के बीच सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है.

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