दुनिया की तुलना में बीते कुछ सालों से भारत में वेल्थ ग्रोथ में जोरदार तेजी रही है. UBS की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2010 के बाद से भारत की सालाना वेल्थ ग्रोथ रेट बाकी दुनिया से दोगुनी रही है.
खास बात ये रही कि पिछले साल (2023) में ग्लोबल वेल्थ ग्रोथ में वापस उछाल आया और इसमें 4.2% की ग्रोथ रही. जबकि 2022 में ग्लोबल वेल्थ 3% कम हो गई थी. मतलब 2023 में ना केपल 2022 का घाटा भरा, बल्कि उससे आगे ग्रोथ भी की.
लॉन्ग रन में धीमी हो रही है वेल्थ ग्रोथ
UBS द्वारा जारी ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक एक से दूसरे साल में वेल्थ ग्रोथ में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं. लेकिन अगर 2010 से 2023 के बीच की बात करें, तो भारत समेत बाकी दुनिया में एवरेज ग्रोथ 7% CAGR (US डॉलर में मापन) रही है. जबकि 2000 से 2010 के बीच ये 14% CAGR थी.
रिपोर्ट के मुताबिक इसकी वजहों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती के साथ-साथ लोकल डेमोग्राफिक्स में आए बदलाव शामिल हैं. लेकिन एशिया-प्रशांत और लैटिन अमेरिकी देशों की इकोनॉमीज के मैच्योर होने के साथ यूरोप में कर्ज संकट भी इसकी वजह है.
रिपोर्ट से जुड़ी अहम बातें:
भारत के नजरिए से देखें तो रिपोर्ट के मुताबिक 2008 से अब तक एवरेज वेल्थ में 300% का इजाफा हो चुका है. 2008 से 2023 के बीच भारत में असमानता 16.2% बढ़ गई है.
अमेरिका में दुनिया के 38% अरबपति हैं, जबकि पश्चिमी यूरोप में 28%. इसके बाद चीन का नंबर है, जहां दुनिया के 10% अरबपति रहते हैं. जापान, भारत, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड को मिला लें, तो इन देशों में भी 10% अरबपति रहते हैं
दुनिया के सबसे अमीर 15 लोगों के पास कुल मिलाकर 2000 बिलियन डॉलर की संपत्ति है. जबकि 12 अरबपतियों के पास 50 बिलियन डॉलर से 100 बिलियन डॉलर के बीच की संपत्ति है.
रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि अगली पीढ़ी तक वेल्थ ट्रांसफर होने से पहले कुल संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा पति-पत्नियों के बीच भी बंटता है. फिलहाल वेल्थ ट्रांसफर में इस तरह बहुत ध्यान नहीं दिया गया है.