PM Garib Kalyan Anna Yojana: PM मोदी ने फ्री राशन योजना को अगले 5 साल तक जारी रखने का किया ऐलान, कांग्रेस ने कसा तंज

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को अप्रैल 2020 में लॉन्च किया गया था. इस योजना का मकसद था कि गरीबों को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद मिल सके.

Source: pmindia.gov.in

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने फ्री राशन योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) को 5 साल के लिए बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इस योजना का फायदा देश के 80 करोड़ से ज्यादा गरीब और जरूरतमंद लोगों मिलेगा.

अगले 5 साल तक मिलता रहेगा फ्री राशन

प्रधानमंत्री मोदी ने छ्त्तीसगढ़ में चुनावों से पहले दुर्ग में एक रैली के दौरान इस योजना को आगे भी जारी रखने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के दौरान गरीबों की सबसे बड़ी चिंता था कि वो अपने बच्चों को खाना कैसे खिलाएंगे. तब मैंने तय किया कि मैं किसी गरीब के बच्चे को भूखा नहीं सोने दूंगा.

तब BJP की सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की. आज भी लाखों गरीब लोगों को मुफ्त चावल और चना मिल रहा है, ये योजना दिसंबर में खत्म होने वाली है, लेकिन BJP ने तय किया है कि वो इस योजना को आगे भी जारी रखेगी और अगले 5 साल तक 80 करोड़ गरीबों के लिए मुफ्त राशन मिलता रहेगा.

क्या है गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को अप्रैल 2020 में लॉन्च किया गया था. इस योजना का मकसद था कि गरीबों को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद मिल सके. सबसे गरीब लोगों तक भोजन और पैसा पहुंचाया जा सके.

इस योजना के तहत केंद्र सरकार गरीबों को हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज देती है. ये पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के तहत आने वाले परिवारों को राष्ट्रीय सुरक्षा खाद्य नियम (NFSA) के तहत दिए जाने वाले सब्सिडाइज्ड राशन के अतिरिक्त है. सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत सरकार गरीबों को 3 रुपये/किलो पर चावल, 2 रुपये/किलो पर गेहूं और 1 रुपये/किलो पर मोटा अनाज देती है. पिछले साल दिसंबर में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय सुरक्षा खाद्य नियम को मिला दिया.

दिसंबर 2023 में खत्म हो रही थी योजना

PIB की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक - 1 जनवरी, 2023 से अंत्योदय अन्न योजना (PAY) और प्राथमिक घरेलू (PHH) लाभार्थियों को फ्रई खाद्यान्न देने के लिए नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना को मंजूरी दी. नई योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) रखा गया है. 80 करोड़ से अधिक गरीब और अत्यंत निर्धन लोगों को लाभानन्वित करने के लिए इस योजना का कार्यान्वयन 1 जनवरी, 2023 से शुरू हो चुका है. राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पात्रता के अनुरूप PMGKY के तहत सभी PHH और AAY लाभार्थियों को साल 2023 के लिए मुफ्त अनाज दिया जाएगा. प्रधानमंत्री ने इसी योजना को अगले 5 साल तक बढ़ाने का ऐलान किया है.

योजना पर अबतक कितना खर्च

अप्रैल 2020 से शुरू की गई इस योजना को अबतक कई बार बढ़ाया जा चुका है. अबतक इसके 8 चरण लागू हो चुके हैं. PIB के मुताबिक -

  • छठे चरण तक इस योजना पर 3.45 लाख करोड़ रुपये का खर्च किया जा चुका है

  • 7वें चरण में 44,762 हजार करोड़ रुपये खर्च किया गया है

  • 7 चरणों में सरकार इस योजना पर करीब 3.91 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.

कांग्रेस का सरकार पर वार

PM गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच साल और बढ़ाने के सरकार के फैसले पर तंज कसा है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार का ये फैसला देश में लगातार बढ़ते आर्थिक संकट और बढ़ती असमानताओं का संकेत है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मुद्दे पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया. जयराम रमेश ने ट्विटर (X) पर कहा कि 'उनकी ताजा घोषणा लगातार बढ़ती आर्थिक बदहाली और बढ़ती असमानताओं का संकेत है. ज्यादातर भारतीयों की आय जरूरी चीजों की आसमान छूती कीमतों के मुताबिक नहीं बढ़ी हैं. जयराम ने कहा कि PM मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सितंबर 2013 में संसद से पास हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) का कई बार विरोध किया था.

इधर, राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी सरकार की आलोचना की है. सिब्बल ने ट्विटर (X) पर कहा है कि 10 साल के अच्छे दिनों के बाद ये फैसला. सिब्बल ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 125 देशों में 111वें पायदान पर रहा, भारत ने रैंकिंग को खारिज किया, अब प्रधानमंत्री PMGKA योजना को अगले 5 साल के लिए बढ़ा रहे हैं ताकि लोग भूखे न सोएं. ये 10 साल के अच्छे दिनों के बाद है.