'बाबा साहब आंबेडकर कहते थे, देश में इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन बहुत जरूरी है. क्योंकि देश का दलित, आदिवासी जमीन का मालिक है ही नहीं, वो एग्रीकल्चर में कुछ नहीं कर सकता. उसके लिए इंडस्ट्रियल रेवॉल्यूशन का हिस्सा बनना बहुत जरूरी है. हमारे देश के राजनेताओं ने उसकी अनदेखी की.'
राजनीति से लेकर अर्थनीति तक और इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर आम आदमी के मुद्दों पर, चुनावों के बीच में और नतीजों से पहले NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ अब तक की सबसे बेबाक और संजीदा बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एग्रीकल्चर-इंडस्ट्रियल ग्रोथ टारगेट से जुड़े सवाल पर ये बातें कही.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'इसलिए मैं मानता हूं कि भारत में हम एग्रीकल्चर पर जितना बोझ हम कम करेंगे, वैल्यू एडिशन करने वाली इंडस्ट्री जितनी ज्यादा बढ़ाएंगे, उससे सीधा-सीधा फायदा पहुंचेगा.' उन्होंने डायवर्सिफिकेशन पर भी जोर दिया.
PM मोदी ने एक परिवार को उदाहरण के तौर पर रखते हुए कहा, 'परिवार में दो बेटे हों तो उनमें से एक बेटा खेती संभाले, जबकि दूसरा बेटा इंडस्ट्री के काम में चला जाए. ऐसे में खेती पर जो बोझ है वो कम हो जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'एग्रीकल्चर को वायबल, मजबूत बनाने के लिए भी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट जरूरी है. हम एग्रीकल्चर का वैल्यू एडिशन करने वाली इंडस्ट्री जितनी ज्यादा बढ़ाते हैं, उसका उतना ज्यादा फायदा होगा. नहीं तो हम डायवर्सिफिकेशन की तरफ ले जाएं तो उसका फायदा है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री काल का अपना अनुभव शेयर देते हुए डायवर्सिफिकेशन की भूमिका को समझाया. उन्होंने कहा, 'गुजरात एक ऐसा राज्य है, जिसके पास खुद के अपने कोई मिनरल्स नहीं हैं. ज्यादा से ज्यादा नमक के सिवा कुछ है नहीं गुजरात के पास. ऐसे समय में गुजरात एक ट्रेडर स्टेट बना था.'
वे बोले, '10 साल में 7 साल अकाल झेल कर एग्रीकल्चर में भी हम पिछड़े थे. एक जगह माल लेते थे, दूसरी जगह देकर गुजारा करते थे. उसमें से रिवॉल्यूशन आया, एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री में. वहां का मेरा अनुभव मुझे यहां (केंद्र में) बहुत काम आ रहा है.'
उन्होंने कहा, 'हमारी इंडस्ट्री में हमें क्लस्टर डेवलप करने चाहिए. जैसे मेरी एक छोटी सी स्कीम है, वन डिस्ट्रक्ट-वन प्रोडक्ट, ये डिस्ट्रक्ट की पहचान बन रही है, इसमें वैल्यू एडिशन हो रहा है, टेक्नोलॉजी आ रही है, क्वालिटी आ रही है.'
बता दें कि इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार, हर जिले में किसी एक खास प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर मार्केटिंग तक आर्थिक रूप से मदद करती है. वो प्रोडक्ट पहले से जिले की पहचान होता ही है और सरकार की मदद के बाद काफी ग्रोथ होती है.
PM मोदी ने कहा, 'देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बड़ी संभावनाएं हैं. हमने स्पेस को ओपन-अप कर दिया. हमने देखा कि स्पेस में इतने स्टार्टअप्स आए हैं. ये सारे स्टार्टअप टेक्नोलॉजी को लीड कर रहे हैं. हम मोबाइल फोन इंपोर्टर थे, आज हम मोबाइल फोन के दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मैन्युफैक्चरर हो गए हैं. आज हम दुनिया के अंदर आईफोन को एक्सपोर्ट कर रहे हैं. दुनिया में 7 में से 1 आईफोन हमारे यहां बनता है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'गुजरात में मेरा डायमंड का भी अनुभव रहा है. आज दुनिया में 10 में से 8 डायमंड वो होते हैं, जिस पर किसी न किसी हिंदुस्तानी का हाथ लगा होता है. अब मैं उसका अगला चरण देख रहा हूं, वो है ग्रीन डायमंड का, लैब ग्रोन डायमंड (लैब में बने डायमेंड) का.'
उन्होंने कहा, 'दुनिया में डायमंड का बहुत बड़ा मार्केट हो रहा है. मैं जब गुजरात में था तो थोड़ी शुरुआत की थी, अब काफी बढ़ रहा है. आने वाले दिनों में लैब ग्रोन डायमंड में भी हम काफी प्रगति करेंगे.'
इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन में भारत की मजबूती पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम कुछ ही दिनों में सेमीकंडक्टर चिप्स लेकर आएंगे. ट्रांसपोर्टेशन के साथ जुड़ी हुई चिप्स का जो कारोबार है. उसमें भारत के हब बनने की उम्मीद है.' उन्होंने कहा, 'हम डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में बहुत तेजी से काम कर रहे हैं. करीब 1 लाख करोड़ रुपये का डिफेंस प्रोडक्शन देश में शुरू हुआ है. करीब 21 हजार करोड़ रुपये का डिफेंस एक्सपोर्ट हुआ है.'
PM मोदी ने कहा, 'हम पहले हर छोटी चीज भारत से लाते थे. हमारे इंटरप्रेन्योर्स को भी लगा है कि हम बना सकते हैं और दुनिया हमसे खरीद रही है. मैं समझता हूं कि भारत पूरी तरह इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन में टेक ऑफ स्टेज पर है.'
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