प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मानते हैं कि युवा, इस देश की ताकत हैं. उनका कहना है कि युवाओं के भीतर नेतृत्व क्षमता (Leadership Quality) है और देश में लीडरशिप जितनी ज्यादा निकलेगी, उतना ही देश को लाभ होगा.
राजनीति से लेकर अर्थनीति तक और इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर आम आदमी के मुद्दों पर, चुनावों के बीच में और नतीजों से पहले NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ अब तक की सबसे बेबाक और संजीदा बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवा और रोजगार से जुड़े सवालों पर अपनी बात रख रहे थे.
संजय पुगलिया का सवाल इस पर था कि देश के बहुत सारे नौजवानों के मन में ख्वाब है कि उन्हें 'मोदी' जैसा लीडर बनना है. इस यूथ को 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी' क्या कहेंगे? इस सवाल के जवाब में PM मोदी ने अपने बुजुर्गों से प्रेरणा लेने की बात कही. इसके साथ ही खोजी मन, यात्रा, संतोष, सामर्थ्य और लाइफ वैल्यूज का मंत्र दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'कोविड काल में मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस किया करता था तो नौजवानों से एक रिक्वेस्ट की थी. वो ये कि घर के बुजुर्ग, दादा-दादी का वीडियो इंटरव्यू कीजिए. उनके स्कूली दिनों में दुनिया कैसी थी, उनके समय शादियां कैसे हुआ करती थीं, वे कैसे रहा करते थे और किन संघर्षों से होकर वे यहां तक पहुंचे हैं. ऐसा करने से आप उनसे कनेक्ट करेंगे.'
PM मोदी आगे बोले, 'मैं मानता हूं कि हमारे देश के नौजवानों को खोजी मन से ये खोजना चाहिए कि आजादी के बाद भारत की विकास यात्रा कैसे चली है. पहले कैसे कोयले वाली ट्रेनें चलती थीं, कोयला कैसे आता था, ट्रेन चलाने वाले कैसे इतनी आग में रहते थे. ये एक उदाहरण है. इसी तरह जो नौजवान इस 75 साल की यात्रा को जानने-समझने का प्रयास करेगा, वो आगे की यात्रा का हिस्सेदार बनेगा. उसके अंदर लीडरशिप क्वालिटी पैदा होगी.'
युवाओं के अंदर एक लीडरशिप क्वालिटी पैदा होगी तो उसे लगेगा कि अब तक की उपलब्धियों में क्या वैल्यू एडिशन करूं. मेरे आगे के लोगों ने इतना कुछ किया है, अब मैं कुछ करूं. ये उसकी प्रेरणा बनेगा.
उन्होंने कहा, 'युवा अगर दूसरा बनने का ख्वाब लेकर चलेंगे तो जल्द निराशा आ जाएगी. वहीं कुछ करने का इरादा लेकर निकलेगा तो करते करते, धीरे-धीरे संतोष का विस्तार होता जाएगा. संतोष का विस्तार धीरे-धीरे सामर्थ्य का विस्तार बनता जाता है. मैं तो चाहता हूं कि देश में वैसे ही लीडरशिप जितनी ज्यादा निकले, उतना ही देश को लाभ होगा.'
रोजगार को लेकर विपक्ष के आरोपों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'पहली बात है कि इतना सारा काम मानव बल के बिना संभव नहीं है, सिर्फ रुपये से रोड नहीं बन जाते, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं हो जाता है. इन सब में मैनपावर लगता है. यानी स्पष्ट है कि रोजगार के अवसर बनते हैं.'
उन्होंने कहा, 'विपक्ष के बेरोजगारी के मुद्दे में कोई सच्चाई नजर नहीं आती है. मैं मानता हूं, परिवारवादी पार्टियों को कुछ समझ नहीं आता है कि इस देश के युवा में क्या बदलाव आए हैं. जैसे कि 2014 के पहले कुछ सौ स्टार्टअप्स थे, आज सवा लाख स्टार्टअप्स हैं. हरेक स्टार्टअप ब्राइट नौजवानों को काम देता है. आज देश में 100 यूनिकॉर्न हैं, यानी 8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार. ये वो लोग हैं, जो 20, 22, 25 साल के हैं.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'गेमिंग की फील्ड में भारत पूरी दुनिया में लीड करेगा. एंटरटेनमेंट इकोनॉमी से अब हम क्रिएटिव इकोनॉमी की तरफ हम मुड़ गए हैं. मैं पक्का मानता हूं कि हमारे क्रिएटर्स मार्केट को शेयर कर लेंगे.'
उन्होंने कहा, 'एविएशन सेक्टर की बात करें तो देश में 70 एयरपोर्ट थे. आज करीब 150 एयरपोर्ट हो गए हैं. हमारे देश में प्राइवेट और सरकारी मिलाकर करीब 600-700 हवाई जहाज हैं. 1,000 नए हवाई जहाज का ऑर्डर है. कितने प्रकार के लोगों को रोजगार मिलेगा, कोई कल्पना कर सकता है क्या. इसलिए ये जो नैरेटिव है, उन्होंने रिसर्च नहीं किया है, उनकी गाड़ी वहीं अटकी हुई है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने PLFS के डेटा के हवाले से बताया कि देश बेरोजगारी आधी हो गई है. 6-7 साल में 6 करोड़ नई जॉब्स जेनरेट हुई हैं. EPFO सारे रिकॉर्ड रखता है. 7 साल में 6 करोड़ से ज्यादा नए अवसर रजिस्टर्ड हुए हैं.'
उन्होंने कहा, 'सरकारी नौकरी को लेकर मैंने एक बहुत बड़ा अभियान चलाया था, तो ये लोग कहते थे नौकरी देने में इतना हो-हल्ला करते हैं. अभी ये जो SKOCH ग्रुप की रिपोर्ट आई है, वो बड़ी दिलचस्प है. इसमें बताया गया है, पिछले 10 साल में हर वर्ष 5 करोड़ पर्सन ईयर रोजगार जेनरेट हुआ है. उन्होंने पैरामीटर के रूप में 22 चीजों को लिया है. ये सारी चीजें सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर भी दिखती हैं.'
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