रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO ने कर्मचारी भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज को 8.25% पर बरकरार रखा है. इससे पहले EPFO ने फरवरी 2024 में ब्याज दर को 8.15% से बढ़ाकर 8.25% किया था. यानी 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स को पहले की दर पर ब्याज मिलता रहेगा.
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT), EPF की 237वीं बैठक की अध्यक्षता की. CBT ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सब्सक्राइबर्स के खातों में EPF पर 8.25% वार्षिक ब्याज दर की सिफारिश की. ब्याज दर को आधिकारिक तौर पर भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद EPFO ग्राहकों के खातों में ब्याज दर जमा करेगा.
मार्च 2022 में EPFO ने अपने सात करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के लिए 2021-22 के लिए EPF पर ब्याज को 2020-21 के 8.5% से घटाकर 8.1% कर दिया था. EPFO की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने बैठक में 2024-25 के लिए EPF पर 8.25% ब्याज दर देने का फैसला किया है.
2020-21 के लिए EPF पर 8.1% ब्याज दर 1977-78 के बाद सबसे कम थी, जब EPF ब्याज दर 8% थी. मार्च 2020 में, EPFO ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5% कर दिया था, जबकि 2018-19 के लिए 8.65% ब्याज दर दी गई थी.
CBT की सिफारिश के बाद 2024-25 के लिए EPF डिपाजिट पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा. सरकार की मंजूरी के बाद 2024-25 के लिए EPF पर ब्याज दर EPFO के सात करोड़ से अधिक ग्राहकों के खातों में जमा हो जाएगी. EPFO वित्त मंत्रालय के माध्यम से सरकार द्वारा इसकी पुष्टि किए जाने के बाद ही ब्याज दर देता है.
मार्च 2020 में EPFO ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5% कर दिया था, जबकि 2018-19 के लिए ये 8.65% थी.
इससे पहले EPFO ने 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65% और 2017-18 में 8.55% ब्याज दर दी थी. 2015-16 के दौरान ब्याज दर 8.8% थी.