Economic Survey 2025: महंगाई के मोर्चे पर सरकार की नीतियों ने किया काम; आगे नरमी आने के संकेत

महंगाई को काबू करने के लिए सरकार ने सक्रियता से कदम उठाए, सरकार के पॉलिसी हस्तक्षेप से महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिली: आर्थिक सर्वेक्षण

महंगाई को लेकर इकोनॉमिक सर्वे 2025 में राहत और चुनौतियों दोनों का जिक्र किया गया है. सर्वे में बताया है कि सरकार के कदमों और मॉनिटरी नीतियों के चलते रिटेल महंगाई पर काबू पाया गया है, हालांकि खाद्य महंगाई को लेकर चिंता भी जताई गई है. महंगाई को लेकर इकोनॉमिक सर्वे 2025 में राहत और चुनौतियों दोनों का जिक्र किया गया है.

सर्वे में बताया है कि सरकार के कदमों और मॉनिटरी नीतियों के चलते रिटेल महंगाई पर काबू पाया गया है, हालांकि खाद्य महंगाई को लेकर चिंता भी जताई गई है. 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि FY2025 की चौथी तिमाही में खाद्य महंगाई दर में नरमी आने की संभावना है, जबकि ये भी माना गया है कि वैश्विक अनिश्चितताों की वजह से जोखिम भी पैदा हो रहे हैं. 2024-25 में भारत का महंगाई आउटलुक ग्रोथ और लगातार मिली-जुली चुनौतियां समेटे हुए है

महंगाई धीरे-धीरे काबू में आ रही है

आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि IMF के मुताबिक साल 2022 में जहां ग्लोबल महंगाई दर अपने चरम 8.7% पर थी, जबकि देश FY24 में रिटेल महंगाई दर को चार साल के निचले स्तर 5.4% पर लाने में कामयाब रहा था. इसके बाद भारत में रिटेल महंगाई दर FY24 में 5.4% से गिरकर FY25 (अप्रैल-दिसंबर) में 4.9% रही है. सर्वेक्षण में इसका श्रेय सरकार के कई कदमों और मॉनिटरी पॉलिसी उपायों को दिया गया है.

लेकिन खाद्य महंगाई दर को कहा गया है कि सप्लाई चेन में व्यवधान, मौसम की चरम स्थिति और इसकी वजह से सब्जियों और दालों जैसी प्रमुख खाद्य पदार्थों की पैदावार में कमी आई, जिसकी वजह से खाद्य महंगाई दर के मार्चे पर चिंता रही. लू और बेमौसम बारिश जैसी चरम मौसमी घटनाओं ने खाद्य उत्पादन और सप्लाई चेन को बुरी तरह प्रभावित किया है.

सरकार के दखल से महंगाई नियंत्रित

महंगाई को काबू करने के लिए सरकार ने सक्रियता से कदम उठाए, सरकार के पॉलिसी हस्तक्षेप से महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिली. इन उपायों में जरूरी खाद्य पदार्थों के लिए बफर स्टॉक को मजबूत करना, समय-समय पर खुले बाजार में सामान जारी करना और आपूर्ति की कमी के दौरान आयात को आसान बनाने जैसी कोशिशें शामिल हैं.

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि इन चुनौतियों के बावजूद, भारत में महंगाई के मैनेजमेंट को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं. रिजर्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड का अनुमान है कि भारत की CPI धीरे-धीरे FY26 में लगभग 4% के लक्ष्य से कदमताल करने लगेगी.

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का प्रबंधन करते हुए कृषि उत्पादकता में सुधार की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. चरम मौसम की घटनाओं के प्रभाव को कम करने और खाद्य कीमतों में अस्थिरता को कम करने के लिए जलवायु-लचीली फसल किस्मों का विकास और एडवांस्ड कृषि पद्धतियां जरूरी हैं.