भारत-पाकिस्तान तनाव से बासमती चावल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. पिछले दो महीनों में भारत में बासमती चावल की कीमतों में करीब 18% की उछाल आया और कीमतें 55 रुपये से बढ़कर 65 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. एग्रीफिनटेक कंपनी एग्रोटेक रिस्क प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अखिलेश जैन ने कहा कि 'इसमें से करीब 10-12% की बढ़ोतरी पिछले कुछ दिनों में हुई है'
इथेनॉल के प्रोडक्शन के लिए भी हो रहा इस्तेमाल
वहीं कृषि अर्थशास्त्री सिराज हुसैन के अनुसार, 'हालिया उछाल युद्ध जैसे हालात बनने से आया है. हालांकि बाजार में चावल बहुत है. सरकार ने एथेनॉल के प्रोडक्शन के लिए भी एक्सट्रा 28 लाख टन चावल को मंजूरी दी है, जबकि पिछले साल एथेनॉल सप्लाई के लिए 24 लाख टन की मंजूरी दी गई थी.'
मिनिमम एक्सपोर्ट रेट में हुआ बदलाव
अखिलेश जैन ने कहा कि 'ये इजाफा दूसरी वजहों से भी हो सकता है. जिसमें से एक है कि भारत सरकार ने 950 डॉलर प्रति टन के मिनिमम एक्सपोर्ट रेट को हटा दिया, जिससे बासमती चावल का एक्सपोर्ट बढ़ गया है.'
जलवायु परिवर्तन भी है बड़ा कारण
आपको बताते चलें कि बदलते मौसम पैटर्न और जलवायु परिवर्तन ने भी फसल की पैदावार को प्रभावित किया है. जैन के अनुसार, 'लागत और ट्रांसपोर्ट का खर्च लगातार बढ़ रही है. भविष्य में कीमतें ऊंची बनी रहेंगी. बढ़े हुए चावल के भंडार के साथ भारत सरकार एक्सपोर्ट के प्रतिबंधों को कम कर रही है. न्यूनतम मूल्य को हटाया जा रहा है, जिससे शिपमेंट को बढ़ावा मिल सके. इस कदम से भारतीय चावल को पाकिस्तान के मुकाबले ग्लोबली डिमांड मिलेगी.'
बढ़ती लागत से हुए परेशान
'हालांकि, मौसम में बदलाव, पानी की कमी और बढ़ती लागत जैसी चुनौतियां प्रोडक्शन के साथ सप्लाई को कम कर सकती हैं. आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने से बासमती चावल की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है.'