ऑटो इंडस्ट्री की PLI स्कीम को 1 साल के लिए और बढ़ाएगी सरकार, अब साल 2028 तक मिलेगा फायदा

PLI की इस स्कीम को एक साल तक बढ़ाने के बाद पांच साल की ये योजना, जो मूल रूप से 2022-23 से 2026-27 तक थी, अब 2027-28 तक जारी रहेगी.

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ऑटो सेक्टर के लिए अच्छी खबर है, सरकार ने 25,938 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को एक साल के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है. ये जानकारी केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने दी. PTI के मुताबिक पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने स्कीम की समीक्षा के बारे में बताते हुए ये जानकारी दी.

अब 2027-28 तक जारी रहेगी स्कीम

PLI की इस स्कीम को एक साल तक बढ़ाने के बाद पांच साल की ये योजना, जो मूल रूप से 2022-23 से 2026-27 तक थी, अब 2027-28 तक जारी रहेगी.

मौजूदा वक्त में, 1 अप्रैल 2022 से लगातार पांच वर्षों की अवधि के लिए भारत में बनी एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (AAT) प्रोडक्ट्स (वाहन और कंपोनेंट्स) की निर्धारित बिक्री के लिए योजना के तहत इंसेंटिव्स लागू हैं.

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तिमाही आधार पर सब्सिडी मिलेगी

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए ये जानकारी दी कि मंत्रालय ने योजना से संबंधित ऑटो उद्योग के हितधारकों की ओर से दिए गए अन्य सुझावों को भी स्वीकार कर लिया है, जिसमें सब्सिडी को तिमाही आधार पर बांटा जाएगा और साथ ही डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन ((DVA)) की टेस्टिंग करने वाली एजेंसियों की संख्या को भी मौजूदा दो से बढ़ाकर 4 किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 'हमें उम्मीद है कि इन उपायों से स्कीम को रफ्तार मिलेगी.'

सहयोग और भागीदारी जरूरी

समीक्षा बैठक में उन्होंने PLI योजनाओं की नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रभावशीलता को आकार देने के लिए इंडस्ट्री की ओर से प्रतिक्रिया और सहयोगात्मक भागीदारी देने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने और भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र में विकास में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने बताया कि PLI-ऑटो स्कीम केवल उन पात्र AAT प्रोडक्ट्स को इंसेटिव देती है जिनके लिए न्यूनतम 50% डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) हासिल किया गया है और MHI की टेस्टिंग एजेंसीज (TA) की ओर से सर्टिफाई किया गया हो. ये क्राइटेरिया इंपोर्ट को कम करेगा, AAT उत्पादों के लिए गहराई से लोकलाइजेशन की सुविधा देगा, घरेलू और ग्लोबल सप्लाई चेन के निर्माण को सक्षम करेगा.

इस योजना के तहत 95 कंपनियों को मंजूरी दी गई है, जो सब्सिडी के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) जैसे नई टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है.

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आवेदकों ने बताया कि (30 जून 2023 तक) निवेश 10,755 करोड़ रुपये है. योजना में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सुविधा के लिए, MHI ने 27 अप्रैल 2023 को DVA सर्टिफिकेशन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) पब्लिश किया. इसके बाद, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा को DVA सर्टिफिकेशन हासिल हुआ, इसके बाद चार अन्य आवेदकों ने DVA सर्टिफिकेशन के लिए अप्लाई किया है.

इसके अलावा, 23 अन्य आवेदकों की ओर से सितंबर 2023 के अंत तक DVA सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन करने की उम्मीद है. इंसेंटिव क्लेम के वेरिफिकेशन और प्रोसेसिंग के लिए एक विस्तृत SOP तैयार किया जा रहा है और इसके लिए स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेशन जल्द ही शुरू किया जाएगा