भारत की पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री में ग्रोथ घटी, SUVs की डिमांड बढ़ी

नए एमिशन और सेफ्टी नियमों से कमोडिटी की कीमतें और लागत बढ़ी है. यही कारण है कि कारें भी ज्यादा महंगी हुई हैं.

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पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री में ग्रोथ की रफ्तार धीमी हो रही है. इसके पीछे वजह है कि स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स की डिमांड घटी है. मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि FY24 में अब तक पैसेंजर व्हीकल्स की ग्रोथ करीब 7.9% रही है जिसमें SUVs की बड़ी भूमिका है. उनको उम्मीद है कि साल के आखिर तक ग्रोथ 6.1–6.2% पर पहुंच सकती है.

एंट्री लेवल कारों की मांग में गिरावट

एंट्री लेवल कारों की मांग गिर रही है. ज्यादा बेस और SUVs की कमजोर बिक्री से भी इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा. पिछले साल में ये 20% से ज्यादा की ग्रोथ पर रहा था. मौजूदा वित्त वर्ष में ये सिर्फ 6% से कुछ ज्यादा रहने की उम्मीद है.

मारुति सुजुकी के चेयरपर्सन RC भार्गव ने अक्टूबरों में कहा था कि छोटी कारों की बिक्री में सुस्ती की वजह से इंडस्ट्री को अगले वित्त वर्ष में स्टैग्नेशन (कोई बदलाव नहीं आने) की उम्मीद कर रहे हैं.

क्यों महंगी हुईं कारें?

नए एमिशन और सेफ्टी नियमों से कमोडिटी की कीमतें और लागत बढ़ी है. यही कारण है कि कारें भी ज्यादा महंगी हुई हैं. छोटी कारों की कम बिक्री के बावजूद इंडस्ट्री की हालत अच्छी है. क्योंकि SUVs की डिमांड बढ़ रही है. कुल पैसेंजर व्हीकल सेल में SUVs की हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ रही है.

श्रीवास्तव ने कहा कि मौजूदा साल में अब तक SUV की बिक्री 26% बढ़ी है. इसने पिछले तीन महीनों में कुल बिक्री में 50% से ज्यादा का योगदान दिया. इसके उलट मिनी और माइक्रो कारों की सेल सितंबर तिमाही में गिरकर 35,000 यूनिट्स पर पहुंच गई. इसमें पांच साल पहले के मुकाबले 75% की गिरावट देखी गई है.

जहां घटती ग्रोथ के संकेत इससे पहले भी दिख रहे थे. लेकिन जमीन पर सेल्स पर इसका असर दिसंबर से दिख रहा है. क्योंकि फेस्टिव इन्वेंट्री अभी भी है.

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