ECJ (European Court Of Justice) ने मंगलवार को एप्पल को करारा झटका दिया है, जिसके चलते कंपनी को अब आयरलैंड को 13 बिलियन यूरो (करीब 14 बिलियन डॉलर) चुकाने होंगे. मामला आयरलैंड द्वारा एप्पल को अवैध टैक्स एडवांटेज दिए जाने से जुड़ा है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल 2016 में यूरोपियन कमीशन (यूरोपियन यूनियन की एग्जीक्यूटिव बॉडी) ने आयरलैंड को एप्पल को अवैध टैक्स एडवांटेज देने का दोषी बताया था. कमीशन के मुताबिक आयरलैंड ने बीते दो दशकों में एप्पल को ये फायदा पहुंचाया था.
इस मामले में ही कमीशन ने एप्पल को आयरलैंड को 13 बिलियन यूरो चुकाने को कहा था. बता दें एप्पल का यूरोप का हेडक्वार्टर आयरलैंड के डबलिन में स्थित है.
निचले कोर्ट का फैसला पलटा
मंगलवार के फैसले के साथ ही ECJ ने निचले कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें एप्पल को राहत दी गई थी. ECJ ने फैसला पलटते हुए कहा कि निचले कोर्ट का ये कहना कि कमीशन ने अपने असेसमेंट में गलतियां की है, ये सही नहीं है.
यूरोपियन कमीशन के आदेश के बाद पैसा फाइनल रूलिंग आने तक के लिए एक एस्क्रो अकाउंट में डाल दिया गया था.
2016 में कमीशन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए CEO टिम कुक ने EU के कदम को राजनीति से प्रेरित बताया था. जबकि अमेरिकी सरकार ने भी मामले में एप्पल का समर्थन किया था.
वेस्टैगर के लिए बड़ी जीत
ब्लूमबर्ग के मुताबिक इस फैसले को EU की एंटी ट्रस्ट चीफ वेस्टैगर के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है, जिनका दो टर्म का कार्यकाल जल्द पूरा होने वाला है.
वेस्टैगर को बड़ी कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए जाना जाता है. उनके कार्यकाल में गूगल पर भी तीन मामलों में 8 बिलियन यूरो का जुर्माना लगाया गया है.
ताजा फैसला यूरोपियन यूनियन में शामिल देशों की कुछ बड़ी कंपनियों को विशेष डील देने के ट्रेंड पर करारा हमला माना जा रहा है.