IndusInd Bank Accounting Lapse: अकाउंटिंग गड़बड़ियों के बाद इंडसइंड बैंक में बड़े मैनेजमेंट बदलाव की तैयारी

एक्सटर्नल एजेंसी से रिपोर्ट हासिल करने के बाद, बैंक ने कहा कि ऑडिटिंग में हुई चूक का असर दिसंबर 2024 तक उसकी कुल संपत्ति का 2.27% है.

Source : NDTV Profit

इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank Ltd.) ने बताया है कि एक इंडिपेंडेंट प्रोफेशनल फर्म से रिपोर्ट मिलने के बाद वो सीनियर मैनेजमेंट की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को नए सिर से तय करने और ऑडिटिंग में हुई गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने के लिए जरूरी कदम कदम उठा रहा है.

इंडिपेंडेंट फर्म को सौंपी गई जिम्मेदारी!

एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, वो इंडिपेंटेंड फर्म ग्रांट थॉर्नटन है, जिसने ऑडिटिंग में गड़बड़ियों के बारे में प्रमुख कर्मचारियों की भूमिकाओं और उनके कामों की जांच की है, जिसे बैंक ने पिछले महीने पहली बार उठाया था. बैंक ने 20 मार्च को गड़बड़ियों की असल वजह की पहचान करने, उनकी जड़ों का पता लगाने और इसके लिए जवाबदेही तय करने के लिए व्यापक जांच के लिए फर्म को नियुक्त किया था.

एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है, "फर्म ने 26 अप्रैल 2025 को बैंक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. फर्म ने बताया है कि 31 मार्च 2025 तक P&L पर 1,959.98 करोड़ रुपये का असर देखने को मिला है, जो 15 अप्रैल 2025 को बताई गई राशि के बराबर है. हालांकि एक्सचेंज फाइलिंग में इंडिपेंडेंट फर्म की पहचान का खुलासा नहीं किया गया.

इसके अलावा, बैंक ने कहा कि वह 31 मार्च, 2025 को खत्म होने वाले वर्ष के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में ऑडिटिंग गड़बड़ियों के असर को सही तरीक से दिखाएगा और इंटरनल कंट्रोल्स को मजबूत करने के उपाय करेगा.

1,979 करोड़ रुपये का नकारात्मक प्रभाव

हालांकि बैंक ने 1 अप्रैल से इंटरनेल डेरिवेटिव ट्रेड्स को बंद कर दिया है, लेकिन रिपोर्ट में इंटरनल डेरिवेटिव ट्रेड्स के गलत ऑडिटिंग की पहचान की गई है, खास तौर पर समय से पहले जिन्हें खत्म कर दिया गया, जिसके वजह से काल्पनिक लाभ दर्ज किया गया, जो ऑडिटिंग गड़बड़ी का प्रमुख मूल कारण है.

15 अप्रैल को, इंडसइंड बैंक ने कहा कि उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो के अकाउंट बैलेंसेंज का जून 2024 तक 1,979 करोड़ रुपये का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जैसा कि इस मामले की जांच के लिए नियुक्त एक एक्सटर्नल एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है, ये एजेंसी PwC थी.

एक्सटर्नल एजेंसी से रिपोर्ट हासिल करने के बाद, बैंक ने कहा कि ऑडिटिंग में हुई चूक का असर दिसंबर 2024 तक उसकी कुल संपत्ति का 2.27% है. ये एक इंटरनल रिव्यू की तुलना में है, जिसमें करीब 2.35% के प्रतिकूल प्रभाव का अनुमान लगाया गया था. दिसंबर के अंत तक, बैंक की कुल संपत्ति 65,102 करोड़ रुपये थी.

रिपोर्ट्स से पहले बड़े मैनेजमेंट बदलाव

ये दोनों रिपोर्ट्स तब आई हैं जब इंडसइंड बैंक के बोर्ड ने पहले ही अरुण खुराना को चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की अतिरिक्त जिम्मेदारी से मुक्त करने की मंजूरी दे दी है. खुराना की जगह पर बोर्ड ने संतोष कुमार को डिप्टी CFO और फाइनेंस और अकाउंट्स के लिए स्पेशल ऑफिसर के रूप में प्रमोशन को मंजूरी दी, जो 18 अप्रैल से प्रभावी हुआ.

खुराना को 21 जनवरी को चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. इससे तीन दिन पहले, उन्हें बैंक के डिप्टी चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया था. 21 मार्च को, NDTV प्रॉफिट ने बताया था कि इंडसइंड बैंक के बोर्ड को अक्टूबर तक CEO सुमंत कठपालिया के लिए रिप्लेसमेंट खोजना होगा.

बैंक के बोर्ड को संभावित CEO के नाम हासिल करने के लिए एक हेडहंटर को नियुक्त करना होगा, जिसकी वो समीक्षा करेगा और फिर एक शॉर्टलिस्ट तैयार करेगा. ये साफ नहीं है कि शॉर्टलिस्ट में केवल बाहरी नाम ही शामिल किए जाएंगे या किसी आंतरिक उम्मीदवार को लेकर भी सोचा जा सकता है. इस तरह डिप्टी CEO अरुण खुराना बैंक में ट्रेजरी और वित्त कामों के प्रभारी भी हैं, जहां ऑडिटिंग की गड़बड़ियां मिलीं हैं.

मार्च की शुरुआत में, RBI ने कठपालिया को बैंक के प्रबंध निदेशक और CEO के रूप में एक और वर्ष के लिए फिर से नियुक्त करने को मंजूरी दी थी, जबकि इंडसइंड ने तीन साल के कार्यकाल के लिए आवेदन किया था. इस बीच, इंडसइंड बैंक ने 22 अप्रैल को ये भी खुलासा किया कि उसने अपने माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में "कुछ चिंताएं" पाई हैं और एक आंतरिक ऑडिट चल रहा है.

कंसल्टिंग फर्म EY वर्तमान में इस समीक्षा में आंतरिक ऑडिट विभाग की मदद कर रही है. हालांकि, बैंक ने स्पष्ट किया कि EY को बैंक की माइक्रोफाइनेंस लोन बुक का फोरेंसिक ऑडिट करने का काम नहीं सौंपा गया है.