केंद्र सरकार ने देश में निकाले जा रहे क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स बढ़ा दिया है, जबकि डीजल और ATF (एविएशन टरबाइन फ्यूल) पर विंडफॉल टैक्स (Levy) में कटौती की है.
मंगलवार को वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसके अनुसार, पेट्रोल के निर्यात को विंडफॉल टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है.
बता दें कि सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है. बाजार में चल रही तेल की कीमतों के आधार पर ही इसकी समीक्षा की जाती है.
किस पर कितना लगेगा विंडफॉल टैक्स?
मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार, कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ा कर 9,800 रुपये प्रति टन किया गया है.
डीजल पर लेवी 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, जबकि ATF पर लेवी 1 रुपये प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दी गई है.
पेट्रोल के निर्यात पर टैक्स शून्य है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि टैक्स की नई दरें 1 नवंबर से प्रभावी होंगी.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
सरकार द्वारा अप्रत्याशित और औसत से ज्यादा लाभ कमाने वाली ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर लगाए गए अतिरिक्त टैक्स को विंडफॉल टैक्स कहा जाता है.
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तत्काल काफी फायदा होता है.
इसे ऐसे समझा जा सकता है कि जब सरकार किसी इंडस्ट्री के रेवेन्यू में अचानक/अप्रत्याशित बढ़ाेतरी देखती है, तो वो प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने हिस्से में रखती है. यही विंडफॉल टैक्स होता है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ पर टैक्स लगाया था और उन देशों में शामिल हो गया, जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं.