ऑल टाइम लो पर पहुंचने के बावजूद रुपया बना एशिया में दूसरी सबसे मजबूत करेंसी

डोमेस्टिक गिल्ट में हुए निवेश के कारण, अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद होने के बावजूद भारतीय रुपया एशिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहै है.

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अमेरिकी डॉलर के सामने भारतीय रुपये अब तक की सबसे ज्यादा गिरावट आई है. ब्लूमबर्ग (Bloomberg) के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों द्वारा डॉलर की खरीदी और युआन के कमजोर होने के बीच, रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 20 पैसे कमजोर होकर 83.65 रुपये के ऑल टाइम निचले स्तर पर बंद हुआ.

लेकिन रुपये की स्थिति अपने एशियाई समकक्षों की तुलना में बेहतर है. सिर्फ हॉन्ग कॉन्ग की करेंसी रुपये से मजबूत रही है. दरअसल इस सब की वजह डॉलर में जारी मजबूती है.

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में 3.31% की तेजी की तुलना में इस साल अब तक रुपये में 0.45% की गिरावट आई है. हांगकांग के के बाद ये दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन है. हॉन्ग कॉन्ग की करेंसी में इस साल जिसने साल के दौरान अब तक 0.11% की ग्रोथ की.

विशेषज्ञों का क्या हैं कहना

LKP सिक्योरिटीज के जतीन त्रिवेदी के अनुसार, कुल मिलाकर बाजार का रुख रुपये के लिए कमजोर बना हुआ है, हालांकि ये अन्य करेंसीज की तुलना में थोड़ा कम है.

रुपये में ये गिरावट जेपी मॉर्गन (JPMorgan) के सरकारी बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट्स (Government Bond Index-Emerging Markets) में डोमेस्टिक बॉन्ड्स को शामिल करने से एक हफ्ते पहले आई है.

शिनहान बैंक के वाइस प्रेसिडेंट कुणाल सोधानी के मुताबिक, 'तेज तर्रार इन्वेस्टमेंट इनफ्लो होने के चलते रुपये का प्रदर्शन अच्छा रहा है. खासतौर पर डेट सेगमेंट में. रुपया अब भी बेहतर स्थिति में है, इसका श्रेय बेहतर होते ट्रेड बैलेंस को दिया जा सकता है.'

आने वाला हफ्ता कैसा रहेगा?

आने वाला वीकली US जॉबलेस डेटा डॉलर ट्रेंड को प्रभावित करेगा, लेकिन रुपये की रेंज में अस्थिरता बरकरार रहने का अनुमान है. रुपये के 83.45 से 83.75 के स्तर के बीच में रहने का अनुमान है.

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