वेदांता 6 कंपनियों में होगी डीमर्ज, शेयरहोल्‍डर्स को क्‍या मिलेगा?

कर्ज से जूझ रही वेदांता ने किया रीस्ट्रक्चरिंग का ऐलान, निवेशकों को वेदांता के हर शेयर पर 5 नई लिस्टेड कंपनियों में से हर कंपनी का एक-एक शेयर मिलेगा

Source: NDTV

वेदांता (Vedanta Ltd.) के डीमर्जर को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही खबरों पर आज मुहर लग गई. वेदांता ने 6 लिस्‍टेड कंपनियों में डीमर्ज होने की घोषणा कर दी है. वेदांता ने शुक्रवार (29/09) को एक्‍सचेंज फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है.

कंपनी के प्रत्‍येक शेयर के लिए शेयरहोल्‍डर्स को 5 नई लिस्‍टेड कंपनियों में से हर कंपनी का एक-एक शेयर मिलेगा.

वेदांता ने अपने व्‍यवसाय को 6 कं‍पनियों में बांटने का फैसला लिया है और लगे हाथ हर कंपनी के CEO के नामों की घोषणा भी कर दी है. शायद बाजार को इसकी भनक थी, इसलिए बाजार बंद होने तक वेदांता के शेयर 6.86% (14.30 रुपये) चढ़कर 222.65 रुपये पर बंद हुआ.

इन 6 कंपनियों में बंटेगी वेदांता

वेदांता ग्रुप ने डिमर्जर के लिए एक सिंपल वर्टिकल स्पिलिट का फॉर्मूला अपनाया है. इस फैसले के अनुसार, व्‍यवसायों को सेक्‍टर वाइज (एल्यूमीनियम, तेल और गैस, बिजली और इस्पात और अन्‍य धातु समेत) 6 कंपनियों में बांटा गया है.

  • वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd)

  • वेदांता ऑयल एंड गैस (Vedanta Oil and Gas)

  • वेदांता स्टील एंड फेरस (Vedanta Steel & Ferrous)

  • वेदांता बेस मेटल्स (Vedanta Base Metals)

  • वेदांता पावर (Vedanta Base Metals)

  • वेदांता एल्यूमीनियम (Vedanta Aluminium)

कंपनियों के CEOs के नामों की घोषणा

वेदांता ने अरुण मिश्रा को मुख्‍य कंपनी वेदांता का CEO बनाया है. इसके अलावा चार नई कंपनियों के लिए CEO और एक कंपनी के डिप्‍टी CEO के नाम की भी घोषणा की है.

एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार

  • नवीन जाजू: CEO, वेदांता स्टील एंड फेरस

  • क्रिस ग्रिफ़िथ: CEO, वेदांता बेस मेटल्स

  • विभव अग्रवाल: CEO, को वेदांता पावर

  • जॉन स्लेवेन: CEO, को वेदांता एल्युमीनियम

  • स्टीव मूर: डिप्टी CEO, वेदांता ऑयल एंड गैस

वेदांता के पास हिंदुस्तान जिंक की 65% हिस्सेदारी बनी रहेगी, साथ ही कंपनी स्टेनलेस स्टील और सेमीकंडक्टर/डिस्प्ले बिजनेस में भी निवेश जारी रखेगी.

कंपनी ने बताया कि डीमर्जर की ये कवायद अगले 12 से 15 महीने में पूरी कर ली जाएगी.

डीमर्जर से कंपनी को उम्‍मीद

वेदांता की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज काफी वक्त से कर्ज के संकट से जूझ रही है. कंपनी को अगले वित्त वर्ष तक $2 बिलियन का कर्ज चुकाना है.

इस डीमर्जर से अनिल अग्रवाल को उनके मेटल्‍स-टू-एनर्जी इंपायर के 'डेट लोड' यानी कर्ज के बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है.

ये फैसला कर्जग्रस्त वेदांता रिसोर्स ग्रुप के स्ट्रक्चर को सरल बना देगा. इससे कंपनी के लिए पूंजी जुटाना आसान हो जाएगा.

चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने दिए थे संकेत

वेदांता ग्रुप के डीमर्जर को लेकर बाजार में लंबे समय से चर्चा हो रही थी. इन चर्चाओं को पिछले महीने तब और बल मिला था, जब चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने खुद अपने शेयरहोल्‍डर्स को जारी वीडियो संदेश में ऐसे संकेत दिए थे. उन्‍होंने तब कहा था कि कंपनी अपने अलग-अलग कारोबार के लिए अलग-अलग लिस्टिंग के बारे में सोच रही है और इस बारे में सलाहकारों से विचार-विमर्श कर रही है.

अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोट करते हुए उन्‍होंने कहा था, 'हमारे PM का विजन देश को मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब बनाना है और प्रति व्‍यक्ति आय को $2,000 से $5,000 तक पहुंचाना है. वेदांता के पास तेल और गैस, एल्यूमिनियम, इंटीग्रेटेड पावर, तांबा, जस्ता, चांदी, सीसा, लोहा और इस्पात, निकल, सेमीकंडक्टर डिस्प्ले ग्लास और भी काफी कुछ है. अलग लिस्टिंग से बहुत से अवसर खुलेंगे.'

शेयरहोल्‍डर्स को होगा फायदा

कंपनी के बयान के अनुसार, वेदांता के शेयरहोल्‍डर्स को नई कंपनियों में भी हिस्‍सेदारी मिलेगी. यदि आपके पास वेदांता के 20 शेयर है तो आपको अन्‍य पांचों नई कंपनियों में भी 20-20 शेयर मिलेंगे.

शेयरहोल्‍डर्स को जारी संदेश में चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस फायदे को लेकर भी संकेत दिए थे. उन्‍होंने कहा था, 'अलग अलग कारोबार की लिस्टिंग का मतलब है कि आपके पास अगर वेदांता का एक शेयर है तो आगे आपको कई अन्य कंपनियों के शेयर मिल सकेंगे.'

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