GST काउंसिल की बैठक शुरू, ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और पान मसाला पर लगाया जा सकता है टैक्स

GST Council Meeting Updates: सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में पान मसाला (pan Masala) और गुटखा (Gutkha) कंपनियों द्वारा की जाने वाली टैक्स चोरी पर तैयार जीओएम की रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना है.

GST Council Meeting: जीएसटी कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार होने की संभावना है.

 GST Council Meeting: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की नीति-निर्धारक इकाई जीएसटी परिषद (GST Council) की अहम बैठक आज यानी शनिवार को शुरू हो गई  है. इस दौरान जीएसटी कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार होने की संभावना है. इस बैठक के एजेंडे में अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना और पान मसाला एवं गुटखा व्यवसायों में टैक्स चोरी को रोकने की व्यवस्था बनाना भी शामिल है.

वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक (GST Council's 48th Meeting) की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वीडियो कॉंफ्रेंसिग के जरिये दोपहर 2 बजे करेंगी. इस बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.

इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) और कसीनो (Casinos) पर जीएसटी को लेकर विचार-विमर्श भी किया जा सकता है.  इस मुद्दे पर मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Konrad Sangma) की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह यानी जीओएम (GoM) ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को सौंप दी थी. आपको बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming), कसीनो (Casinos) और घुड़दौड़ (Horse Racing) पर कर लगाने के संबंध में जीओएम ने नवंबर में अपनी पिछली बैठक में 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी. हालांकि, आम सहमति न होने से इस पर फैसले को टाल दिया गया था.

इस बैठक में  टैक्स अधिकारियों की एक रिपोर्ट पर भी विचार किया जाएगा और कुछ गुड्स एंड सर्विसेज पर लागू जीएसटी दर (GST Rate) को स्पष्ट करने की कोशिश की जाएगी. जीएसटी कानून के तहत की जाने वाली गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के संबंध में जीएसटी काउंसिल की कानून समिति ने मुकदमा शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है.

कानून समिति ने यह सुझाव भी दिया है कि जीएसटी के तहत गड़बड़ियों के लिए टैक्सपेयर्स द्वारा देय शुल्क को घटाकर टैक्स राशि के 25 प्रतिशत तक किया जाए. इस समय यह 150 प्रतिशत तक है. इसी तरह आपराधिक मामलों के तहत मुकदमा चलाने के लिए वर्तमान पांच करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में पान मसाला (pan Masala) और गुटखा (Gutkha) कंपनियों द्वारा की जाने वाली टैक्स चोरी पर तैयार जीओएम की रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना है.

जीएसची अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के संबंध में जीओएम ने सुझाव दिया है कि इसमें दो न्यायिक सदस्य, केंद्र तथा राज्यों के एक-एक तकनीकी सदस्य के साथ ही अध्यक्ष के रूप में उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश होने चाहिए.

लेखक NDTV Profit Desk