Jet Airways Case. जालान-कालरॉक कंसॉर्टियम ने शुक्रवार को NCLAT का दरवाजा खटखटा कर जेट एयरवेज के मालिकाना अधिकार पर स्पष्टता के बारे में पूछा, जिसे NCLT ने मंजूरी दी थी.
जालान कालरॉक कंसॉर्टियम (JKC) ने ये कदम तब उठाया है, जब SBI के नेतृत्व में क्रेडिटर्स कमिटी ने NCLT के फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी है.
कंसॉर्टियम का कहना है कि उनके पास जेट एयरवेज को वापस शुरू करने का प्लान तो तैयार है, लेकिन क्रेडिटर्स कमिटी अलग-अलग फोरम में याचिकाएं दायर करके कंपनी के ऑपरेशन शुरू करने में रुकावट डाल रही है. JKC ने कहा कि उनके पास लाइसेंस के एक्सपायर होने से पहले 1 साल का वक्त था, लेकिन क्रेडिटर्स कमिटी की अड़चनों के चलते कंपनी इसका फायदा नहीं उठा सकी.
रिवाइवल प्लान की खबरों के बीच, जेट एयरवेज के CEO संजीव कपूर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
SBI ने भी दी प्रतिक्रिया
जवाब में SBI ने कहा कि JKC ने कर्ज में चल रही एयरलाइन में फंड्स का निवेश भी नहीं किया और न ही स्वामित्व को ट्रांसफर करने से जुड़ी किसी शर्त का पालन किया.
असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल N वेंकटरमन ने भी कहा कि मई में एयर ऑपरेशन सर्टिफिकेट (AOC) रद्द होने के बाद कंसॉर्टियम ने उसको रिन्यू तक नहीं कराया है. आपको बता दें कि एयरलाइन रेगुलेटर DGCA से एयर ऑपरेशन सर्टिफिकेट (AOC) की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी के एयरक्राफ्ट ऑपरेट कर सकते हैं.
फिलहाल, कंसॉर्टियम ने कहा है कि रिजॉल्यूशन प्लान पर स्पष्टता होने के बाद ही कुछ किया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी.