NCLT का गो फर्स्ट के सस्पेंडेड बोर्ड को आदेश, तीन हफ्तों में लिक्विडेशन पर देना होगा जवाब

गलवार को NCLT की दो सदस्यों की बेंच ने एयरलाइन के निलंबित मैनेजमेंट को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई को अक्टूबर के पहले हफ्ते में तय किया है.

Source: X/Go First

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने गो फर्स्ट (Go First) के निलंबित बोर्ड को एयरलाइन के लिक्विडेशन (Liquidation) के मामले में तीन हफ्तों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया है. मंगलवार को NCLT की दो सदस्यों की बेंच ने एयरलाइन के निलंबित मैनेजमेंट को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई को अक्टूबर के पहले हफ्ते में तय किया है.

एयरलाइन के रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने दी थी ऐप्लीकेशन

NCLT के निर्देश से पहले एयरलाइन के रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के सेक्शन 33 (1) के तहत एप्लीकेशन दी थी. इसमें लेंडर्स की ओर से निर्धारित समयसीमा के भीतर उपयुक्त खरीदार नहीं हासिल कर पाने की वजह से लिक्विडेशन की अपील की थी.

कार्यवाही के दौरान गो फर्स्ट के वकील ने ट्रिब्यूनल को जानकारी दी थी कि कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने बहुमत से कंपनी के लिक्विडेशन के लिए वोट किया था.

NCLT ने रेजॉल्यूशन प्रोसेस पूरी करने के लिए दिया था अतिरिक्त समय

NCLT ने जून में गो फर्स्ट को कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस पूरा करने के लिए 60 दिन का विस्तार दिया था. एयरलाइन को इस मामले में चौथी बार विस्तार मिला था. ट्रिब्यूनल ने जोर दिया था कि ये आखिरी बार समय बढ़ाया गया है.

IBC के तहत CIRP को 330 दिनों के अंदर पूरा किया जाना चाहिए, जिसमें कोई लिटिगेशन पीरियड भी शामिल है. कोड के तहत शुरुआत में CIRP को पूरा करने के लिए 180 दिन का समय मिलता है.

इसके लिए अधिकतम 330 दिनों तक का समय मिल सकता है. अगर ये समयसीमा पार हो जाती है तो कॉरपोरेट डेबटर को लिक्विडेट करना होता है.

10 मई 2023 को NCLT ने गो फर्स्ट की वॉलेंटरी इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस को शुरू करने की याचिका को मंजूर किया था. इससे पहले 3 मई को एयरलाइन के ऑपरेशंस बंद हो गए थे.

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