ओयो होटल्स (OYO Hotels) IPO लाने की योजनाओं में तेजी ला रही है, क्योंकि साल के अंत में लोन रीपेमेंट की महत्वपूर्ण डेडलाइन निकट आ रही है.
इस मामले से परिचित लोगों ने बताया कि मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप सहित कई क्रेडिटर्स का आग्रह है कि अगर स्टार्टअप अक्टूबर तक IPO नहीं लाता है तो फाउंडर रितेश अग्रवाल को 383 मिलियन डॉलर का बकाया चुकाना चाहिए. ये अमाउंट अरबों डॉलर के लोन पैकेज का हिस्सा है.
सूत्रों ने बताया कि लेंडर्स, अग्रवाल की लिक्विडिटी पर स्पष्ट राय जानना चाहते हैं और उन्हें 2027 तक रीपेमेंट में देरी करने की अनुमति तभी देंगे, जब ओयो इस साल लिस्ट हो होगी.
रितेश अग्रवाल ने 2019 में सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प के बॉस मासायोशी सोन की गारंटी के साथ 2.2 बिलियन डॉलर उधार लिए थे, ताकि ओयो में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके और कंपनी पर अधिक स्ट्रैटेजिक नियंत्रण हासिल किया जा सके. सूत्रों ने बताया कि उस लोन को 2022 में रीस्ट्रक्चर किया गया था और अग्रवाल को अभी भी इसकी पहली किश्त चुकानी है.
ओयो कई सालों से शेयर बाजार में उतरने की कोशिश कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि ओयो ने अब बैंकरों के साथ IPO के लिए चर्चा शुरू कर दी है, जिसकी वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर तक हो सकती है. सॉफ्टबैंक इसका सबसे बड़ा शेयर होल्डर है, जिसकी हिस्सेदारी 40% से अधिक है. रितेश अग्रवाल के पास 30% से अधिक हिस्सेदारी है.
'वैल्यूएशन वास्तविकता से अलग है'
जब रितेश अग्रवाल के ऑफिस से टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि ओयो के IPO पर जब फैसला लिया जाएगा, वो कारोबारी साल 2024 के मजबूत मुनाफे और कारोबारी साल 2025 के अपेक्षित मजबूत परफॉरमेंस पर विचार करने के बाद होगा.
उन्होंने कहा कि फाइनेंस का अरेंजमेंट और रीस्ट्रक्टरिंग के बारे में बहुत सी जानकारी पूरी तरह से गलत है और केवल अटकलें या अफवाहें फैलाई जा रही हैं. वैल्यूएशन भी वास्तविकता से अलग है और उन सेकेंडरी लेन-देन से कम है जिनके बारे में हम जानते हैं.
सॉफ्टबैंक ने इस मामले पर किसी भी टिप्पणी से इंकार किया है. वहीं, मिजुहो के प्रतिनिधियों ने भी कोई जवाब नहीं दिया है.
कोरोना वायरस संक्रमण कम होने और दुनिया के खुलने के बाद ओयो ने धीरे-धीरे सुधार किया है. सेल्स में सुधार के कारण मार्च 2024 तक के वित्तीय वर्ष के लिए इसने थोड़ा मुनाफा कमाया है. पिछले साल के अंत में अग्रवाल ने अपनी सिंगापुर स्थित निवेश फर्म के माध्यम से कंपनी में लगभग 8.3 बिलियन रुपये ($95 मिलियन) का निवेश किया था.