'सुभाष चंद्रा, पुनीत गोयनका ने पब्लिक फंड को डायवर्ट किया', SEBI ने लगाए गंभीर आरोप

SEBI ने अपने पुराने अंतरिम आदेश में दोनों को लिस्टेड कंपनियों में डायरेक्टर या प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर रहने से प्रतिबंधित कर दिया था.

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मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) को दिए अपने जवाब में एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरमैन एमेरिटस सुभाष चंद्रा और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO ने पुनीत गोयनका पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

SEBI के गंभीर आरोप

न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, मार्केट रेगुलेटर SEBI ने आरोप लगाया है कि सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका ने पब्लिक फंड को निजी कंपनियों में डायवर्ट किया. SAT ने मार्केट रेगुलेटर को 15 जून को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया था.

SEBI ने अपने जवाब में कहा है कि 'इस खास मामले में, हमें एक ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जहां एक प्रमुख लिस्टेड कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस और मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO कई स्कीम्स और लेनदेन में शामिल हैं, जिसके कारण पब्लिक फंड्स की महत्वपूर्ण राशि का डायवर्जन लिस्टेड कंपनियों निजी संस्थाओं को हुआ है जो इन व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित और स्वामित्व वाली हैं'

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपने पुराने अंतरिम आदेश में एस्सेल समूह के चेयरमैन एमेरिटस सुभाष चंद्रा और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के CEO पुनीत गोयनका को लिस्टेड कंपनियों में डायरेक्टर या प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर रहने से प्रतिबंधित कर दिया था.

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'अपनी भूमिकाओं का गलत इस्तेमाल किया'

SEBI के 12 जून को जारी आदेश के मुताबिक - दोनों व्यक्तियों ने अपने निजी फायदे के लिए पैसों को डायवर्ट करने के लिए एक लिस्टेड कंपनी के भीतर डायरेक्टर्स या प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्तियों के रूप में अपनी भूमिकाओं का इस्तेमाल किया था. SEBI ने अपने जवाब में कहा है कि जिन व्यक्तियों पर सवाल उठाया गया है, उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है, झूठे खुलासे जारी किए हैं और इन गलत कामों को छिपाने के लिए भ्रामक बयान दिए हैं.

इस जवाब में शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी लिमिटेड से जुड़ा एक उदाहरण भी दिया गया है. जहां प्रमोटर समूह ने कंपनी के शेयर वैल्यू में गिरावट के असर से बचने के लिए रणनीतिक रूप से खुले बाजार में शेयरों को बेच दिया. SEBI के बयान के मुताबिक, इसका असर छोटे रिटेल निवेशकों को शेयरों की गिरती कीमतों के नतीजे के रूप में भुगतना पड़ा.

SAT के सामने फाइलिंग के मुताबिक, जी एंटरटेनमेंट ने एक ही मामले पर "निरंतर और बार-बार" जांच के कारण कंपनी और उसके शेयरधारकों पर संभावित नकारात्मक असर के बारे में सेबी को चिंता व्यक्त की है, जो कल्वर मैक्स के साथ चल रही मर्जर की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. IANS की रिपोर्ट के मुताबिक- कंपनी ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि मौजूदा मामले की फिर से जांच क्यों की जा रही है, जबकि कार्रवाई का कारण लगभग चार साल पुराना है.

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