मंदी की आशंका से अमेरिकी बाजारों में गिरावट से इतर, सोमवार को जापानी करेंसी येन (Yen) में तेजी देखी गई, जबकि मैक्सिकन करेंसी पेसो (Peso) में गिरावट जारी रही. इसके पीछे की वजह, इमर्जिंग मार्केट्स में ट्रेडर्स का कैरी ट्रेड को समाप्त करना जारी रखना बताया गया.
वहीं, दूसरी ओर डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला. सोमवार को रुपया 5 पैसे की कमजोरी के साथ 83.80 पर खुला.
भारत की 10 साल की बॉन्ड यील्ड भी 3bps गिरकर 6.86% पर आ गई है, शुक्रवार को ये 6.89% पर बंद हुई थी.
एशियन ट्रेडिंग में डॉलर के मुकाबले पेसो में 2% तक की गिरावट आई, जिससे लगातार तीसरे दिन भी गिरावट जारी रही. ये गिरावट तब आई जब येन में 0.8% तक की तेजी आई जबकि चीन की करेंसी युआन (Yuan) में भी मजबूती आई, ये दोनों करेंसी कैरी ट्रेड को फंड करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं.
फंडिंग करेंसीज में अचानक उछाल ने लोकप्रिय कैरी स्ट्रैटेजी को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें आमतौर पर ट्रेडर्स विकसित बाजारों में कम दरों पर उधार लेते हैं ताकि उभरते देशों में हाई-यील्ड वाले एसेट्स में निवेश कर सकें.
क्रिस टर्नर सहित ING स्ट्रैटैजिस्ट ने शुक्रवार को एक नोट में लिखा था, 'हाल के महीनों में ये स्ट्रैटेजी, एसेट साइड और पिछले महीने से येन-फंडिंग साइड, दोनों पर फेल रही है. हायर वॉलैटिलिटी ने पोजीशंस को कम करने के लिए मजबूर किया है.
बता दें कि अमेरिकी बाजारों में बीते हफ्ते से ही गिरावट जारी है. शुक्रवार को डाओ जोंस 611 अंकों (-1.51%) की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ था, जबकि नैस्डेक में 418 (-2.43%) अंकों की तेज गिरावट रही और S&P 500 भी 100 अंकों से ज्यादा टूटकर बंद हुआ. वहीं सोमवार सुबह डाओ फ्यूचर्स में 0.75% और नैस्डेक फ्यूचर्स 2.5% की बड़ी गिरावट देखी गई.