भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट के साथ शुरुआत हुई, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स करीब 800 अंकों तक टूट गया, निफ्टी भी करीब 200 अंकों तक गिर गया. ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट के साथ ही कारोबार होता दिख रहा है. ऑटो, IT, मेटल, फार्मा शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिल रही है.
बाजार में ये गिरावट क्यों? क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
भारतीय बाजारों में ये बिकवाली तब है, जब घरेलू स्तर पर आर्थिक आंकड़े विकास के एक सुखद तस्वीर पेश कर रहे हैं. चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ के आंकड़े अनुमान से बेहतर 7.4% पर हैं. महंगाई दर काबू में है, इस हफ्ते रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी आने वाली है, इसमें में भी तमाम एक्सपर्ट्स ये मानकर चल रहे हैं कि ब्याज दर में लगातार तीसरी बार चौथाई परसेंट की कटौती होगी. FDI में भी बढ़ोतरी है और मई में GST कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है.
तमाम पॉजिटिव संकेतों के बावजूद ऐसा क्यों हो रहा है कि बाजार आज सुस्त हैं. इसकी वजह घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है. HDFC सिक्योरिटीज के हेड ऑफ प्राइम रिसर्च देवर्ष वकील का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध बढ़ने की आशंका शॉर्ट टर्म में बाजार पर भारी पड़ेगी. यूक्रेन ने पांच एयरबेसों पर ड्रोन हमले किए और रूस के इलाके में मौजूद विमानों को नष्ट कर दिया है. रूस की प्रतिक्रिया से तुर्की में आज होने वाली शांति वार्ता से पहले युद्ध तेज हो सकता है.
रिलायंस सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च विकास जैन का कहना है कि रूस और यूक्रेने के बीच बढ़ते तनाव की वजह से अमेरिकी इंडेक्स फ्यूचर्स में दबाव है, इसके साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से टैरिफ को लेकर किया गया नया ऐलान भी है, जिसमें उन्होंने स्टील पर टैरिफ को दोगुना करके 50% कर दिया है. आने वाले दिनों में भारतीय बाजार की नजरें RBI की मॉनिटरी पॉलिसी पर रहेगी, साथ ही अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड को लेकर भी चर्चा होनी है, भारत और अमेरिका के बीच भी व्यापार वार्ता एक बड़ा घटनाक्रम होगा.
विकास जैन का कहना है कि रिजर्व बैंक की 6 जून की बैठक में संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और वित्त वर्ष 2025 के लिए रिजर्व बैंक की ओर से रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड पेमेंट से माहौल काफी पॉजिटिव बना हुआ है. जिससे सरकार के 4.4% के फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
निफ्टी का आउटलुक
देवर्ष का कहना है कि निफ्टी में शॉर्ट टर्म कंसोलिडेशन चल रहा है, ट्रेडर्स को निफ्टी में स्टॉप-लॉस स्तर के रूप में 24,462 के साथ अपनी लॉन्ग टर्म पोजीशन बनाए रखनी चाहिए. 25,116 से ऊपर का कोई भी स्तर नए तेजी के ब्रेकआउट की पुष्टि करेगा. 25,116 से ऊपर, हम उम्मीद कर सकते हैं कि निफ्टी 25,300 की ओर बढ़ेगा.
विकास जैन का कहना है कि निफ्टी 50 ने अपने 20-डे एवरेज को होल्ड करके रखा हुआ है, हम एक अपवर्ड ब्रेकआउट की उम्मीद कर रहे हैं जो अगले हफ्ते तक 25,200- 25,300 के स्तरों तक पहुंच सकता है. निगेटिव साइड ये है कि 24,500 के स्तर से ऊपर लगातार ब्रेकआउट से इंडेक्स के महत्वपूर्ण और ब्रॉडर मार्केट्स में मुनाफावसूली शुरू हो जाएगी, जो रुझान को उलटने का काम करेगी.