नीलेश शाह ने निवेशकों को क्वालिटी शेयरों में शिफ्ट होने की सलाह दी, कहा- सोने में जारी रह सकता है बुल रन

नीलेश शाह ने IT, FMCG, फार्मा, केमिकल्स, बैंकिंग में निवेश की सलाह दी है, जहां वैल्यूएशन वाजिब हैं. उन्होंने कहा, 'हो सकता है कि वे आज बेहतर प्रदर्शन करना शुरू न करें, लेकिन आने वाले समय में अच्छा रिटर्न देंगे.

Source: Envato/BQ Prime

बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बेंचमार्क ब्याज दरों में आधा परसेंट की कटौती की उम्मीद लगा चुका है, लेकिन कोटक AMC के MD नीलेश शाह ने निवेशकों को मोमेंटम शेयरों से धीरे-धीरे क्वालिटी शेयरों (क्वालिटी शेयर अच्छे फंडामेंटल वाले शेयरों के कहा जाता है) की ओर शिफ्ट होने की सलाह दी है.

शाह ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि क्वालिटी और मोमेंटम स्टॉक की परिभाषा निवेशक से निवेशक अलग-अलग हो सकती है. उनके अनुसार, ये समय लो फ्लोटिंग शेयरों से हटकर महंगे वैल्यूएशन के साथ उच्च फ्लोटिंग वाले शेयरों की ओर बढ़ने का है. लो फ्लोटिंग स्टॉक का मतलब है कि ओपन मार्केट में इन कंपनियों के शेयरों की संख्या कम होती है.

उन्होंने कहा, 'हम स्टॉक स्पेसिफिक मूवमेंट देखेंगे.' मगर बाजार में करेक्शन होगा. उनके मुताबिक कैपिटल गुड्स में वैल्युएशंस बहुत ज्यादा हो गए हैं.

वो IT, FMCG, फार्मा, केमिकल्स, बैंकिंग में निवेश करने की सलाह देते हैं जहां वैल्यूएशन वाजिब हैं. उन्होंने कहा, 'हो सकता है कि वे आज बेहतर प्रदर्शन करना शुरू न करें, लेकिन आने वाले समय में अच्छा रिटर्न देंगे.

FOMC आउटलुक

नीलेश शाह के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व को शेयर बाजार को ये विश्वास दिलाना होगा कि वह ब्याज दरों में कटौती कर रहा है क्योंकि मुद्रास्फीति कम हुई है. साथ ही उसे डेट मार्केट को ये समझाना होगा कि दर में कटौती ग्रोथ की रफ्तार सुस्त पड़ने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की जरूरत के लिए की गई है.

"अगर फेड बाजारों को दो अलग-अलग संदेश दे सकता है तो मेरा मानना है कि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया."

ये पूछे जाने पर कि यदि अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने के साथ अमेरिका में कैपिटल की लागत कम होने लगती है तो भारत को क्या लाभ होगा, उन्होंने कहा कि इस बात की काफी अच्छी संभावना है कि कैपिटल अमेरिका से उभरते बाजारों में आना शुरू हो जाएगी.

उन्होंने कहा, 'अब काफी पैसा पैसिव बेसिस पर आता है और MSCI इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत का वेटेज सबसे ज्यादा है. शाह ने कहा, 'FOMC के दरों में कटौती से डॉलर कमजोर होने तथा उभरते बाजारों में अधिक कैपिटल फ्लो बढ़ने से भारतीय बाजारों को फायदा होना चाहिए.

डेट, इक्विटी, या सोना?

शाह ने कहा कि इक्विटी या डेट में निवेश समय सीमा पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि तीन महीने के नजरिए से देखें तो भारतीय डेट आकर्षक है, लेकिन 10 साल में भारतीय इक्विटी अधिक आकर्षक है. उन्होंने कहा कि कोविड जैसे अवसर एक बार आएंगे लेकिन मार्केट में टाइम पैसा कमाएगा न कि टाइमिंग.

शाह को उम्मीद है कि सोने की कीमतों में कुल मिलाकर तेजी जारी रहेगी.

बैंकिंग क्षेत्र में निवेशकों को इंतजार करना होगा. शानदार रिटर्न हासिल करने वाले पब्लिक सेक्टर के निवेशकों के लिए शाह सक्रिय फंडों में निवेश बनाए रखने की सलाह देते हैं.

शाह ने निवेशकों को प्राइमरी मार्केट में निवेश करते समय सावधान रहने की सलाह दी.

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