क्रूड ऑयल के लिए भारत रूस पर निर्भर नहीं, हम दूसरे देशों से भी बढ़ा रहे हैं आयात: हरदीप सिंह पुरी

पुरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि 'अगर रूस से क्रूड ऑयल पर ठीक डिस्काउंट नहीं मिलेगा, तो भारत वहां से खरीद नहीं करेगा.'

Photo: X/@HardeepSPuri

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि क्रूड ऑयल इंपोर्ट के लिए भारत, रूस पर निर्भर नहीं है. पुरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि 'अगर रूस से क्रूड ऑयल पर ठीक डिस्काउंट नहीं मिलेगा, तो भारत वहां से खरीद नहीं करेगा. भारत ने अपने स्त्रोतों में विविधता लाना भी शुरू कर दिया है'

कितनी छूट?

फरवरी 2022 में रूस से क्रूड ऑयल पर 20 डॉलर प्रति बैरल की छूट मिल रही थी. लेकिन हालिया डेटा से पता चलता है कि अब उतना डिस्काउंट नहीं रहा है.

क्रूड ऑयल में मिली छूट के चलते 2023 के शुरुआती 9 महीनों में OMCs को काफी मुनाफा हुआ और भारत को भी 2.7 बिलियन डॉलर की सेविंग हुई. इसका खुलासा सरकारी आंकड़ों पर आधारित रॉयटर्स के कैलकुलेशंस में हुआ.

अक्टूबर के महीने में रूस के क्रूड ऑयल की छूट में काफी कमी आ गई थी. ऑफर प्राइस 84.2 डॉलर प्रति बैरल पर गया, जबकि इस दौरान ब्रेंट का क्रूड ऑयल 88.4 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो थोड़ा ही ज्यादा था. जबकि जनवरी में एवरेज ब्रेंट क्रूड 83.99 डॉलर प्रति बैरल था, तब रूस से क्रूड ऑयल 73.3 डॉलर प्रति बैरल पर मिल रहा था.

जनवरी में इराक और सऊदी अरब जितनी कीमत पर कच्चा तेल बेच रहा था, उसकी तुलना में रूस के क्रूड ऑयल की कीमत क्रमश: 5.62 डॉलर और 12.5 डॉलर प्रति बैरल कम थी. लेकिन अक्टूबर में इराक का क्रूड ऑयल, रूस के क्रूड ऑयल से सिर्फ 1.55 डॉलर प्रति बैरल ही महंगा है. जबकि सऊदी अरब का क्रूड ऑयल 14.57 डॉलर प्रति बैरल महंगा है. मतलब अब इराक और रूस के क्रूड ऑयल में उतना अंतर नहीं बचा.

रूस से भारत का इंपोर्ट

क्रूड इंपोर्ट बिल

भारत अपनी ज्यादातर जरूरत का क्रूड पांच देशों; रूस, इराक, सऊदी अरब, UAE और नाइजीरिया से बुलवाता है. कम होते डिस्काउंट के बावजूद भारत के ऑयल इंपोर्ट में रूस की बहुत बड़ी और सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है.

पुरी के मुताबिक फरवरी 2022 में भारत रूस से अपनी जरूरत का सिर्फ 0.2% क्रूड ही आयात करता था. बाद में ये 40% तक पहुंच गया. फिलहाल भारत का 33% क्रूड ऑयल रूस से आ रहा है.

अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच भारत के क्रूड इंपोर्ट बिल में रूस की हिस्सेदारी 21% से बढ़कर 33% हो गई. जबकि इराक की हिस्सेदारी 22% से बढ़कर 25% हो गई.

बता दें लाल सागर में जारी उथल-पुथल के बीच जहाजों के आवागमन पर असर पड़ा है. इसके चलते भारत मध्य-पूर्व के देशों से अपना आयात बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.

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