एयरपोर्ट ऑपरेटरों (airport operators) के लिए अच्छी खबर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (AERA) की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया. ये याचिका एयरपोर्ट के कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग चार्ज तय करने के अधिकार के खिलाफ दायर की गई थी.
ये चुनौती TDSAT के आदेश से सामने आई, जिसमें कहा गया था कि AERA के पास ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज (GHS) और कार्गो हैंडलिंग सर्विसेज (CHS) पर चार्ज लगाने जैसी कोई शक्तियां नहीं हैं और उन्हें 'नॉन-एयरोनॉटिकल सर्विस' माना जाना चाहिए. और इसके साथ ही आदेश में ये भी कहा गया था की AERA टैरिफ लगाने की शक्तियों से परे है.
क्या होगा चार्ज लगने से असर?
अगर ये फैसला AERA के पक्ष में जाता है तो एयरलाइंस के साथ-साथ यात्रियों के लिए भी अच्छी हो सकती है. ये फैसला एयरपोर्ट सर्विस के लिए यात्रियों से ली जाने वाली फीस को प्रभावित करेगा और संभावित रूप से फ्लाइट की टिकट पर भी असर डालेगा.
दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु हवाई अड्डों ने AERA की याचिका को खारिज करने की मांग की थी.