पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) का नाम लॉन्ग टर्म निवेश के सबसे सुरक्षित तरीकों में हमेशा से शामिल रहा है. रिटर्न की गारंटी और लंबी अवधि में बड़ा कॉर्पस तैयार करने की गुंजाइश इस स्कीम की अहम खासियत है.
पिछले 23 साल में इस पर मिलने वाले ब्याज की दर 5% घट चुकी है. अप्रैल 2020 से अब तक इस स्कीम पर 7.1% की सालाना दर से ब्याज मिल रहा है. बाकी स्मॉल सेविंग्स स्कीम की दरें बढ़ाए जाने के बावजूद PPF की ब्याज दर में सुधार नहीं किया गया है. लेकिन इन सब बातों के बावजूद पब्लिक प्रॉविडेंट फंड की गिनती आज भी सुरक्षित निवेश के बेहतरीन विकल्पों में होती है. इसकी वजह क्या है, यह समझने से पहले आइए इस स्कीम की विशेषताओं और पिछले प्रदर्शन पर एक नजर डाल लेते हैं.
PPF पर कभी मिलता था 12% ब्याज!
जी हां! इक्कीसवीं सदी की शुरुआत में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर सालाना 12% ब्याज मिलता था. लेकिन समय के साथ साथ इस ब्याज दर में कमी आती चली गई. बीच-बीच में इसमें कुछ समय के लिए थोड़ी बहुत बढ़ोतरी भी हुई, लेकिन कुल मिलाकर लॉन्ग टर्म ट्रेंड गिरावट का ही रहा है. आइए देखते हैं कि पिछले 23 साल में PPF की ब्याज दरों में कब-कब और कितना बदलाव हुआ है.
1 जनवरी 2000 को ब्याज दर: 12%
15 जनवरी 2000 से 28 फरवरी 2001: 11%
1 मार्च 2001 से 28 फरवरी 2002: 9.50%
1 मार्च 2002 से 28 फरवरी 2003: 9.00%
1 मार्च 2003 से 30 नवंबर 2011: 8.00%
1 दिसंबर 2011 से 31 दिसंबर 2012: 8.60%
1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2013: 8.80%
1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2014: 8.70%
1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015: 8.70%
1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016: 8.70%
1 अप्रैल 2016 से 30 जून 2016: 8.10%
1 जुलाई 2016 से 30 सितंबर 2016: 8.10%
1 अक्टूबर 2016 से 31 दिसंबर 2016: 8.00%
1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017: 8.00%
1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2017: 7.90%
1 जुलाई 2017 से 30 सितंबर 2017: 7.80%
1 अक्टूबर 2017 से 26 दिसंबर 2017: 7.80%
1 जनवरी 2018 से 31 मार्च 2018: 7.60%
1 अप्रैल 2018 से 30 जून 2018: 7.60%
1 जुलाई 2018 से 30 सितंबर 2018: 7.60%
1 अक्टूबर 2018 से 31 दिसंबर 2018: 8.00%
1 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2019: 8.00%
1 अप्रैल 2019 से 30 जून 2019: 8.00%
1 जुलाई 2019 से 30 सितंबर 2019: 7.90%
1 अक्टूबर 2019 से 31 दिसंबर 2019: 7.90%
1 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2020: 7.90%
1 अप्रैल 2020 से अबतक: 7.10%
'EEE' टैक्स बेनिफिट
PPF की मौजूदा ब्याज दर अधिक न होने के बावजूद बड़ी संख्या में निवेशक PPF में पैसे जमा करना इसलिए जारी रखते हैं, क्योंकि स्कीम टैक्स फ्री और पूरी तरह सुरक्षित है. 7.1% की ब्याज दर NSC, KVP, 5 साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट या बैंकों के कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में भी कम लग सकती है, लेकिन PPF का टैक्स बेनिफिट इसे अन्य बचत स्कीमों की तुलना में बेहतर बना देता है. PPF खाता 'E-E-E' श्रेणी में आता है, जहां एक वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर तो टैक्स बेनिफिट मिलता ही है, साथ ही उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी की रकम - तीनों टैक्स फ्री होते हैं.
गारंटीड रिटर्न
PPF में निवेश की एक बड़ी वजह इसमें रिटर्न की गारंटी है. बाजार से जुड़ी योजनाओं में पैसे लगाने वाले निवेशक कई बार रिटर्न ही नहीं, कई अपनी पूंजी की सुरक्षा के लिए भी चिंतित रहते हैं. लेकिन PPF गारंटीड रिटर्न की पेशकश करता है क्योंकि इसमें जमा पैसों पर सॉवरेन यानी सरकार की गारंटी होती है. यही वजह है कि लंबी अवधि के दौरान नियमित बचत करके बड़ा फंड तैयार करने के लिए इस स्कीम को अब भी काफी पसंद किया जाता है.
लोन की सुविधा
PPF में निवेश पर एक बड़ी सुविधा यह भी मिलती है कि इसमें जमा रकम के आधार पर लोन भी लिया जा सकता है. कर्ज PPF में जमा रकम के 25% के बराबर हो सकती है. अगर आप कर्ज 36 महीनों के भीतर चुका देते हैं, तो इस कर्ज पर केवल 1% की सालाना दर से ही ब्याज देना होगा.
कौन खोल सकता है PPF खाता, कितना है मैच्योरिटी पीरियड
बालिग यानी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति अपने नाम पर PPF अकाउंट खोल सकते हैं. एक बालिग व्यक्ति अपने नाम पर एक से ज्यादा PPF अकाउंट नहीं खोल सकता. लेकिन अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर अलग अकाउंट खोल सकते हैं. यह अकाउंट किसी पोस्ट ऑफिस या बैंकों में खोला जा सकता है. PPF अकाउंट 15 साल में मैच्योर होता है.
PPF डिपॉजिट के नियम
इस स्कीम में एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं.
अगर किसी ने अपने नाबालिग बच्चे के नाम PPF खाता खोला है, तो उसमें जमा की गई रकम भी 1.50 लाख रुपये की अधिकतम सीमा में ही शामिल होगी.
PPF एकाउंट कैश/चेक या ऑनलाइन भुगतान करके खोला जा सकता है.
अकाउंट में जमा रकम पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है.
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समय से पहले खाता बंद करने पर
अगर किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा नहीं किया जाता है, तो PPF खाता निष्क्रिय हो जाता है.
निष्क्रिय खातों पर लोन/निकासी की सुविधा नहीं मिलती है.
निष्क्रिय खाते को डिपॉजिटर मैच्योरिटी से पहले 500 रुपये का न्यूनतम सब्सक्रिप्शन और हर डिफाल्ट ईयर के लिए 50 रुपये फीस जमा करके फिर से शुरू कर सकते हैं.
मैच्योरिटी पर कितना मिलेगा फंड?
अधिकतम मंथली जमा- सालाना 1.50 लाख रुपये
मौजूदा ब्याज दर- 7.1% सालाना कंपाउंडिंग
15 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम- 40,68,209 रुपये
कुल निवेश- 22,50,000
ब्याज- 18,18,209 रुपये
1 करोड़ के फंड के लिए कितना समय
अधिकतम मंथली जमा- सालाना 1.50 लाख
मौजूदा ब्याज दर- 7.1% सालाना कंपाउंडिंग
25 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम- 1.03 करोड़ रुपये
कुल निवेश- 37,50,000
ब्याज का फायदा- 65,58,015 रुपये
(सोर्स: इंडिया पोस्ट, पीपीएफ कैलकुलेटर)