देश का वित्तीय घाटा बढ़कर हुआ 7.02 लाख करोड़ रुपये, FY24 के लक्ष्य का 39% पहुंचा

वित्त वर्ष 2022 के अप्रैल-सितंबर के दौरान FY23 के लिए वित्तीय घाटा 37.3% था.

Source: Canva

देश का वित्तीय घाटा अप्रैल-सितंबर के दौरान बढ़ा है. कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर तक देश का वित्तीय घाटा बढ़कर 7.02 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो कि अप्रैल-अगस्त के दौरान 6.43 लाख करोड़ रुपये था. यानी सितंबर में वित्तीय घाटे में 59,035 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी रही है.

देश का वित्तीय घाटा बढ़ा

वित्तीय घाटा 7.02 लाख करोड़ रुपये होने का मतलब ये है कि वित्त वर्ष के पहले हाफ में ये पूरे साल के लक्ष्य का 39.3% तक पहुंच चुका है, पूरे वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 17.87 लाख करोड़ रुपये है. वित्त वर्ष 2022 के अप्रैल-सितंबर के दौरान FY23 के लिए वित्तीय घाटा 37.3% था.

सितंबर में कैपेक्स बढ़ा

सितंबर में कैपेक्स बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि 4.9 लाख करोड़ रुपये या 10 लाख करोड़ रुपये के बजटीय स्तर का 49% तक पहुंच गया है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में कैपेक्स का स्तर 45.7% था.

भारत का बजटीय कैपेक्स लक्ष्य (Budgetary capex target) पिछले वर्ष के मुकाबले 35% ज्यादा तय किया गया था, जो वित्त वर्ष 2023 में 7.5 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 10 लाख करोड़ रुपये हो गया.

  • सितंबर में सरकार का नेट टैक्स रेवेन्यू सालाना आधार पर 14.27% बढ़कर 3.56 लाख करोड़ रुपये रहा है.

  • रेवेन्यू रिसीट बजटरी अनुमान का 53.1% रहा है, जो कि पिछले साल इसी अवधि में 53.1% था

  • टोटल एक्सपेंडीचर पिछले साल के 46.2% से बढ़कर 47.1% रहा है

  • रेवेन्यू डेफिसिट पिछले साल के 31.4% से घटकर 26.6% रहा है

  • नेट टैक्स रेवेन्यू पिछले साल के 52.3% से घटकर 49.8% रहा है

  • कैपेक्स पिछले साल के अनुमान 45.7% से बढ़कर इस साल 49.0%

ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार का ग्रॉस टैक्स कलेक्शन सालाना 16% ग्रोथ से बढ़ा है, क्योंकि अगस्त-सितंबर में इनडायरेक्ट टैक्स की वजह से इसको मजबूती मिली है.