भारत की तरक्की को ठीक से समझ नहीं रहीं रेटिंग एजेंसी, एक-दो पायदान ऊपर होनी चाहिए रैंकिंग: संजीव सान्याल

बुधवार को S&P ग्लोबल ने भारत के रेटिंग आउटलुक को अपग्रेड किया है. एजेंसी ने कहा कि वो भारतीय अर्थव्यवस्था में तरक्की के बड़े इंडिकेटर्स को देख पा रही है.

Source: Reuters

अर्थशास्त्री संजीव सान्याल का मानना है कि भारत की सॉवरीन क्रेडिट रेटिंग दो पायदान ऊपर नीचे है. सान्याल ऐसा भारत के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन को देखते हुए कहते हैं.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकारी परिषद के सदस्य सान्याल कहते हैं, 'किन्हीं भी निष्पक्ष पैमानों में भारत को मौजूदा पोजिशन से अगर दो नहीं तो कम से कम एक पायदान ऊपर तो रेट करना चाहिए. S&P का जो अनुमान है, भारत उससे कहीं बेहतर स्थिति में है.'

बता दें बुधवार को S&P ग्लोबल ने भारत के रेटिंग आउटलुक को अपग्रेड किया है. एजेंसी ने कहा कि वो भारतीय अर्थव्यवस्था में तरक्की के बड़े इंडिकेटर्स को देख पा रही है.

दरअसल S&P ने देश की नीतिगत स्थिरता, आर्थिक सुधार और इंफ्रा में निवेश पर भरोसा जताते हुए आउटलुक को 'स्थिर' से बढ़ाकर 'पॉजिटिव' कर दिया है.

एजेंसी ने भारत की लॉन्ग टर्म रेटिंग को 'BBB-' और शॉर्ट टर्म 'A-3' पर बरकरार रखा है.

सान्याल ने कहा, 'भारत नेट-क्रेडिटर देश है. हमारा 630 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज है. जबकि हमारे पास 650 बिलियन डॉलर का फॉरेक्स है. इस स्थिति में डिफॉल्ट की संभावना ही कहां बचती है? ये बहुत ही ज्यादा कम है.'

सान्याल ने आगे कहा, 'रेटिंग एजेंसी फिस्कल डेफिसिट पर शोर मचाती हैं, जबकि भारत का लगभग सारा सरकारी कर्ज रुपये में है. जबकि अमेरिका के मामले में ये लोग कहते हैं कि वहां हर 100 दिन में 1 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज बढ़ रहा है, लेकिन वो पूरा डॉलर्स में है. हमारा कर्ज भी रुपये में है. आखिर इन लोगों का मतलब क्या है यहां?'

सान्याल ने कहा कि भारत की ग्रोथ रेट अपने ग्रुप (BBB-) में मौजूद देशों की तुलना में ज्यादा है, साथ ही देश का बैंकिंग सिस्टम भी काफी अच्छी हालत में है.

बता दें अप्रैल में मूडीज ने भारत के आउटलुक की 'Baa3' और 'P-3' रेटिंग की पुष्टि की थी. लेकिन एजेंसी ने चेतावनी देते हुए ये भी कहा कि बढ़ते राजनीतिक तनाव के साथ-साथ शक्ति संतुलन बनाए रखने वाले कारकों के कमजोर होने से देश की लॉन्ग टर्म ग्रोथ की दिशा कमजोर हो सकती है.

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