प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जून को कन्याकुमारी से लौटते वक्त देशवासियों के नाम खत लिखकर 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण पर अपने विचार रखे हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बीते 10 सालों में गवर्नेंस के भारतीय मॉडल को दुनिया के लिए प्रेरणा भी बताया है.
रिफॉर्म सिर्फ आर्थिक बदलाव तक सीमित नहीं हो सकते: PM मोदी
उन्होंने कहा, '21वीं सदी की दुनिया आज भारत की ओर बहुत आशाओं से देख रही है. और वैश्विक परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए हमें कई बदलाव भी करने होंगे. हमें reform को लेकर हमारी पारंपरिक सोच को भी बदलना होगा. भारत reform को केवल आर्थिक बदलावों तक सीमित नहीं रख सकता है. हमें जीवन में हर क्षेत्र में reform की दिशा में आगे बढ़ना होगा. हमारे reform 2047 के विकसित भारत के संकल्प के अनुरूप भी होने चाहिए.'
हमें ये भी समझना होगा कि किसी भी देश के लिए reform कभी एकाकी प्रक्रिया नहीं हो सकती. इसीलिए, मैंने देश के लिए reform, perform और transform का विज़न सामने रखा. reform का दायित्व नेतृत्व का होता है. उसके आधार पर हमारी ब्यूरोक्रेसी perform करती है और फिर जब जनता जनार्दन इससे जुड़ जाती है, तो transformation होते हुए देखते हैं.
PM ने कहा, 'भारत को विकसित भारत बनाने के लिए हमें श्रेष्ठता को मूल भाव बनाना होगा. हमें Speed, Scale, Scope और Standards, चारों दिशाओं में तेजी से काम करना होगा. हमें मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ क्वालिटी पर जोर देना होगा, हमें zero defect- zero effect के मंत्र को आत्मसात करना होगा.'
अगले 25 साल योगदान के लिए समर्पित हों: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद की बातों को याद करते हुए कहा, 'स्वामी विवेकानंद ने 1897 में कहा था कि हमें अगले 50 वर्ष केवल और केवल राष्ट्र के लिए समर्पित करने होंगे. उनके इस आह्वान के ठीक 50 वर्ष बाद, 1947 में भारत आज़ाद हो गया. आज हमारे पास वैसा ही स्वर्णिम अवसर है. हम अगले 25 वर्ष केवल और केवल राष्ट्र के लिए समर्पित करें. हमारे ये प्रयास आने वाली पीढ़ियों और आने वाली शताब्दियों के लिए नए भारत की सुदृढ़ नींव बनकर अमर रहेंगे. मैं देश की ऊर्जा को देखकर ये कह सकता हूँ कि लक्ष्य अब दूर नहीं है.'
भारत का गवर्नेंस मॉडल दुनिया के लिए प्रेरणा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आज भारत का गवर्नेंस मॉडल दुनिया के कई देशों के लिए एक उदाहरण बना है. सिर्फ 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना अभूतपूर्व है. प्रो-पीपल गुड गवर्नेंस, aspirational district, aspirational block जैसे अभिनव प्रयोग की आज विश्व में चर्चा हो रही है. गरीब के सशक्तिकरण से लेकर लास्ट माइल डिलीवरी तक, समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को प्राथमिकता देने के हमारे प्रयासों ने विश्व को प्रेरित किया है.'
उन्होंने आगे कहा, 'भारत का डिजिटल इंडिया अभियान आज पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है कि हम कैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गरीबों को सशक्त करने में, पारदर्शिता लाने में, उनके अधिकार दिलाने में कर सकते हैं. भारत में सस्ता डेटा आज सूचना और सेवाओं तक गरीब की पहुँच सुनिश्चित करके सामाजिक समानता का माध्यम बन रहा है. पूरा विश्व technology के इस democratization को एक शोध दृष्टि से देख रहा है और बड़ी वैश्विक संस्थाएं कई देशों को हमारे मॉडल से सीखने की सलाह दे रही हैं.'