US डिप्लोमेट को समन के बाद भी नहीं टस से मस नहीं हुआ अमेरिका; केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दोहराई नसीहत

अमेरिका ने ना केवल केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी पर अपनी पुरानी बात को दोहराया, बल्कि कांग्रेस के आरोपों का भी जिक्र किया है.

Source: X/@ArvindKejriwal

भारत और अमेरिका के बीच लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के पहले तकरार बढ़ती जा रही है. दरअसल अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी टिप्पणी पर भारत ने एक अमेरिकी डिप्लोमेट को बुलाकर विरोध दर्ज कराया था. लेकिन अब अमेरिका ने दोबारा अपने स्टैंड को दोहराया है.

अमेरिका ने ना केवल केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी पर अपनी पुरानी बात को दोहराया, बल्कि कांग्रेस के अकाउंट फ्रीज करने के आरोपों का भी जिक्र किया है.

US स्टेट डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन मैथ्यू मिलर ने भारत द्वारा अमेरिकी डिप्लोमेट को समन भेजने से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी समेत हालिया एक्शन पर करीब से नजर बनाए हुए हैं.'

मिलर ने कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट फ्रीज करने से जुड़े सवाल पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'हम कांग्रेस पार्टी के उन आरोपों के बारे में भी जानते हैं जिनमें पार्टी ने टैक्स अथॉरिटीज पर उनके कुछ बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का आरोप लगाया है, जिससे आने वाले चुनाव में प्रभावी ढंग से कैंपेन करना मुश्किल हो जाएगा.'

मिलर ने आगे कहा, 'अमेरिका निष्पक्ष, पारदर्शी और सही समय पर कानून प्रक्रिया को प्रोत्साहन देता रहा है. हमें लगता है किसी को भी इससे आपत्ति नहीं होना चाहिए.'

अमेरिकी टिप्पणी पर भारत ने भेजा था डिप्लोमेट को समन

सबसे पहले मंगलवार को अमेरिका ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दी थी. अमेरिका ने कहा था कि वे केजरीवाल की गिरफ्तारी पर नजर बनाए हुए हैं और नई दिल्ली से 'निष्पक्ष और समयसीमा के भीतर कानूनी प्रक्रिया को सुनिश्चित करवाने की अपील की थी.

भारत ने इसका विरोध किया था और भविष्य के लिए खराब परिपाटी की शुरुआत होने की चेतावनी दी थी.

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भारत ने कहा था, 'राज्यों को दूसरे देशों की संप्रभुता और उनके आंतरिक मामलों के लिए सम्मानजनक रवैया रखना चाहिए. ये जवाबदेही साथी लोकतंत्र देशों के लिए तो और भी ज्यादा हो जाती है. नहीं तो इससे भविष्य के लिए गलत परिपाटी शुरू हो जाएगी.'

भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे कहा था, 'भारत की कानूनी प्रक्रिया एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित है, जो निष्पक्ष और तय समय में नतीजे देने पर केंद्रित है. इस पर संदेह करना सही नहीं है.'

बता दें इससे पहले जर्मनी ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि 'केजरीवाल एक निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं.'

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