Startup Mahakumbh: PM ने कहा कि स्टार्टअप्स ने काम करने का कल्चर ही नहीं, सोच भी बदली, कहा युवाओं ने जॉब खोजने के बजाय जॉब देना चुना

PM मोदी ने कहा, 2014 में जहां देश में 100 के करीब स्टार्टअप हुआ करते थे, जो अब बढ़कर 1.25 लाख तक पहुंच गए हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में स्टार्टअप महाकुंभ (Startup Mahakumbh) के समापन को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि स्टार्टअप देश में सिर्फ बिजनेस करने का कल्चर ही नहीं बदल रहे हैं, बल्कि लोगों की सोच भी बदलने का भी जरिया बन रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किसी जमाने में पढ़ाई का मतलब नौकरी और नौकरी का मतलब सरकारी नौकरी समझा जाता था, अब देश इस तरह की विचारधारा से कहीं आगे निकल गया है.

2014 में जहां देश में 100 के करीब स्टार्टअप हुआ करते थे, जो अब बढ़कर 1.25 लाख तक पहुंच गए हैं. इन स्टार्टअप से इस समय 12 लाख से अधिक नौजवान जुड़े हैं.

स्टार्टअप लीड कर रहीं 45% महिलाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एग्रीकल्चर, एजुकेशन, हेल्थ के क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए नई संभावनाएं निकल रही हैं. इसमें जो बात सबसे ज्यादा गौर करने लायक है वो ये कि 45% से ज्यादा स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं. इनोवेशन का जो कल्चर स्टार्टअप के जरिए बना है, वो भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है.

110 से ज्यादा यूनिकॉर्न

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्टार्टअप का कल्चर देश में इस तरह से चला है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है. इन्हीं स्टार्टअप्स ने अभी तक 12,000 तक पेटेंट फाइल किए हैं. ये आज के स्टार्टअप नहीं, बल्कि कल के यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न हैं.

युवा डॉक्टर, इंजीनियर के अलावा इनोवेटर का सपना देखने लगा

प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्टअप महाकुंभ में कहा कि स्टार्टअप के दम पर युवा अपने अपने सेक्टर में कमाल कर रहे हैं. किसी जमाने में टियर-1 शहरों तक सीमित रहने वाला स्टार्टअप कल्चर टियर-2 और टियर-3 तक पहुंच गया है.

आज के समय स्टार्टअप कल्चर 600 शहरों में फैल चुका है. इनमें एग्रीकल्चर, टेक्स्टाइल, मेडिसिन, ट्रांसपोर्ट, स्पेस, योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में स्टार्टअप आए हैं.

स्पेस में 50 से ज्यादा स्टार्टअप

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्टार्टअप के केवल एक स्पेस सेक्टर में 50 से ज्यादा स्टार्टअप काम कर रहे हैं. किसी जमाने में सरकारों का काम सब जगह पाबंदी लगा कर रखने का होता था, हमने उसी पाबंदी को खत्म कर दिया.

आज ये स्टार्टअप इतने योग्य हैं कि खुद का स्पेस शटल लॉन्च करने लगे हैं. स्टार्टअप की क्षमता और काम करने की कला देखकर हो सकता है कि 2029 में राजनीतिक दल भी इन स्टार्टअप की सेवाएं लें.

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G20 का हिस्सा बना स्टार्टअप

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि G20 के भारत संस्करण में सभी नेता दिल्ली में UPI के काम करने को सीख रहे थे. दुनिया भर के स्टार्टअप इकोसिस्टम को साथ लाने की कोशिश की गई. स्टार्टअप को G20 में जोड़कर स्टार्टअप20 बनाया गया और इसके साथ ही ग्रोथ का नेचुरल इंजन भी माना गया.

AI में भारत को बढ़त

आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) के क्षेत्र में भारत पूरी दुनिया के मुकाबले थोड़ा आगे है. युवा इनोवेटर्स के लिए AI के साथ कई सारे अवसर आए हैं. नेशनल क्वांटम मिशन, इंडिया AI मिशन और सेमीकंडक्टर मिशन से युवाओं के लिए संभावना मिली.

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें अमेरिकी कांग्रेस में भाषण देने का मौका मिला था. वहां पर उन्होंने कहा कि इंडिया-अमेरिका (AI)दुनिया के लिए जरूरी है. AI का नेतृत्व भारत के पास है और आगे भी रहना चाहिए.

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फंडिंग पर काम जारी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में फंडिंग के लिए बेहतर मैकेनिज्म बनाने पर काम किया जा रहा है. इस अंतरिम बजट में रिसर्च के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

इन पैसों को लंबे चलने वाले प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल किया जाएगा. केंद्र सरकार वहीं डेटा प्रोटेक्शन को लेकर कानून बनाने पर काम कर रही है.

फाइनेंस समस्याओं के लिए हो हैकेथॉन

प्रधानमंत्री मोदी ने हैकेथॉन का जिक्र करते हुए कहा कि हमने बीते कुछ साल में देश भर में हैकेथॉन आयोजित कराए, जिसमें समस्याओं का सॉल्यूशन लेकर युवा आते थे और उन्हें पुरस्कार मिलता था. ठीक इसी तरह की कोशिश फाइनेंस से जुड़ी समस्याओं के लिए भी की जानी चाहिए.

CII, FICCI, ASSOCHAM को अपनी समस्याओं का हल निकालने के लिए हैकेथॉन करना चाहिए. MSMEs को भी अपने सॉल्यूशन के लिए हैकेथॉन कराना चाहिए. इससे देश के युवा टैलेंट को नई फील्ड में काम करने का मौका मिलेगा. भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने में स्टार्टअप का बहुत योगदान होगा.

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