केंद्र की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी स्कीम से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की कीमतें 10 हजार रुपये तक कम होगी. ये कहना है केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री HD कुमारस्वामी का. गुरुवार को SIAM के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नई योजना से ई-बाइक और ई-स्कूटर्स की कीमतों में 10,000 रुपये/यूनिट तक की कमी आएगी.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिए सब्सिडी, पहले वर्ष में 10,000 रुपये/यूनिट तक के लिए 5,000 रुपये/किलोवाट घंटा और दूसरे वर्ष में 10,000 रुपये/यूनिट तक के लिए 2,500 रुपये/KWH है.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों (Three Wheelers) के लिए सब्सिडी पहले वर्ष में 50,000 रुपये/किलोवाट घंटा और दूसरे वर्ष में 25,000 रुपये/किलोवाट घंटा है.
इलेक्ट्रिक बसों पर सब्सिडी राशि तय नहीं!
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक बसों के लिए सब्सिडी की 'राशि' पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. PM इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-Drive) योजना दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने की दिशा में एक और प्रयास है.
कुमारस्वामी ने कहा कि इस योजना के अंत तक टू-व्हीलर सेगमेंट में 10% EV पेनेट्रेशन और तिपहिया क्षेत्र में 15% EV पेनेट्रेशन हासिल करने का लक्ष्य है.
PM ई-ड्राइव में कार क्यों नहीं शामिल?
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना में इलेक्ट्रिक कार और हाइब्रिड वाहन शामिल नहीं हैं. PM ई-ड्राइव में पैसेंजर EV को शामिल न करने के पीछे के तर्क को समझाते हुए, मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों पर पहले से ही 5% के कम GST स्लैब पर टैक्स लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, ऑटो PLI स्कीम के तहत लाभ भी मिलते हैं.
किस सेगमेंट में कितनी राहत?
दो वर्षों में 10,900 करोड़ रुपये के ओवरऑल आउटले के साथ, ये स्कीम 24.79 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों का समर्थन करेगी. कुमारस्वामी ने बताया कि स्कीम के टोटल आउटले में से
करीब 40% राशि (4,391 करोड़ रुपये) इलेक्ट्रिक बसों के लिए निर्धारित की गई है.
इसके बाद इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर वाहनों के लिए 1,772 करोड़ रुपये तय है.
इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के लिए 907 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
इसके अतिरिक्त, हाइब्रिड एंबुलेंस के लिए 500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं.
योजना के तहत लाभ लेने के लिए हेवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री EV खरीदने वालों के लिए ई-वाउचर पेश करेगा. गाड़ी खरीदने के समय, योजना पोर्टल पर खरीदारों के लिए आधार प्रमाणित ई-वाउचर तैयार होंगे. ये वाउचर सुनिश्चित करेगा कि डीलरशिप से खरीदार को सब्सिडी दिए जाने में कहीं कोई 'लीकेज' न हो.