वेदांता के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अजय गोयल ने बताया है कि, कंपनी का एल्युमीनियम मार्जिन वित्त वर्ष 2026 में 850 डॉलर प्रति टन के मौजूदा स्तर से बढ़कर 1,000 डॉलर प्रति टन को पार कर सकता है. NDTV प्रॉफिट के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इससे एल्युमीनियम सेगमेंट कंपनी के लिए सबसे ज्यादा मुनाफे वाला बिजनेस बन जाएगा. और इसके EBITDA को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. गोयल ने कहा, 'हमारा फोकस एल्युमीनियम पर है. हम मात्रा बढ़ाने और लागत कम करने पर काम कर रहे हैं.
एल्युमीनियम की बढ़ रही डिमांड
चालू वित्त वर्ष में, रिफाइनरियों ने एल्युमीनियम की खरीदारी की है. जिसकी वजह से वेदांता का एल्युमीनियम मार्जिन लगभग 850 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,000 डॉलर प्रति टन से अधिक हो सकता है. वहीं कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अरुण मिश्रा ने कहा कि 'कंपनी को इस वित्तीय वर्ष में एल्युमीनियम बनाने की कॉस्ट में 10% की कमी देखने को मिलेगी.'
मिश्रा ने कहा कि एल्युमीनियम प्रोडक्शन में इजाफा पहले से बन रहे एक्सट्रा कैपिसिटी से आएगी. इसमें बाल्को विस्तार परियोजना के साथ-साथ ओडिशा के झारसुगुड़ा में कुछ डीबॉटलनेकिंग परियोजनाओं से होने वाली मात्रा शामिल होगी. साल के अंत तक, इसके अलावा हर साल कंपनी को ओडिशा में लांजीगढ़ एल्युमिना रिफाइनरी में 4 मिलियन टन की कैपिसिटी हासिल करने की उम्मीद है.
तेल और गैस क्षेत्र के लिए क्या है प्लान?
अरुण मिश्रा ने जानकारी दी कि तेल और गैस क्षेत्र में कंपनी का प्रोडक्शन गिरेगा. कंपनी का प्लान है कि तेल और गैस क्षेत्र में सर्फेक्टेंट पॉलिमर इंजेक्ट करके इस गिरावट को रोका जाए. हम नए उत्पादन क्षेत्रों पर विचार कर रहे हैं. हमारी योजना फाइनेंशियल ईयर 2026 में लगभग 1,05,000 बैरल तेल के बराबर उत्पादन करने की है. अभी चौथी तिमाही की बात करें तो हम लगभग 97,000 बैरल पर पहुंच गए हैं. वेदांता को घरेलू डिमांड से मदद मिल रही रही है. भारत में मांग सालाना लगभग 12% की दर से बढ़ रही है.
कैसे रहे Q4 के नतीजे?
आपको बताते चलें कि फाइनेंशियल ईयर 2025 की चौथी तिमाही में वेदांता का PAT 118% बढ़कर 4,961 करोड़ रुपए हो गया. वहीं EBITDA 30% बढ़कर 11,618 करोड़ रुपए और इसका EBITA मार्जिन 35% रहा.
शुक्रवार को BSE पर वेदांता के शेयर 1% गिरकर 414.95 रुपये पर बंद हुए, जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स में 0.32% की बढ़त देखी गई.