'डेटा सेंटर' में आया बूम, तो उछलेंगे इन कंपनियों के शेयर!

इस सेक्टर में तेजी आती है, तो अनंत राज लिमिटेड, अदाणी एंटरप्राइजेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ब्लू स्टार, भारती एयरटेल, एक्साइड इंडस्ट्रीज जैसे शेयर को फायदा हो सकता है.

Source: Envato

दुनिया भर में 20% ग्लोबल डेटा भारत जेनेरेट करता है, लेकिन जब बात आए डेटा सेंटर कैपिसिटी की, तो भारत का योगदान महज 3% है. केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) की मानें, तो अगले कुछ साल में इस सेक्टर में बड़े कैपिसिटी एक्सपेशन डिमांड का अनुमान है.

इस क्षमता विस्तार का फायदा इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को होगा. जैसे- अनंत राज लिमिटेड, अदाणी एंटरप्राइजेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ब्लू स्टार, भारती एयरटेल, एक्साइड इंडस्ट्रीज जैसे शेयरों को फायदा हो सकता है.

कमजोर डेटा सेंटर कैपिसिटी

जब हम भारत की 'internet user penetration' यानी इंटरनेट यूजर तक पहुंच की बात करते हैं, मतलब किसी देश की कितनी आबादी के पास इंटरनेट का एक्सेस है, इस मामले में भारत दूसरे देशों चीन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के मुकाबले कहीं नहीं टिकता है. मगर, जब बात मोबाइल डेटा खपत की हो तो भारत सबसे ऊपर है.

हर 10 लाख इंटरनेट यूजर्स के लिए भारत की डेटा सेंटर कैपिसिटी 1 मेगावॉट है, जबकि चीन का 4 मेगावॉट है.

क्यों बढ़ रही है डिमांड?

  • डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: टेक्नोलॉजी भारत को एक विकसित इकोनॉमी की तरफ ले जा रही है, जिसमें ई-कॉमर्स, फिनटेक का बड़ा योगदान है. इसके चलते इंटरनेट का इस्तेमाल भी रफ्तार पकड़ रहा है. केयरएज के मुताबिक, FY23 तक जहां भारत का इंटरनेट पेनेट्रेशन 63% था, वो FY29 तक 87% हो जाएगा. 5G के आने के बाद, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और AI से डेटा सेंटर की डिमांड बढ़ेगी.

  • कम कीमत: डेटा सेंटर लगाना एक कैपिटल इन्वेस्टमेंट है. इसमें खर्च का 40% लैंड और बिल्डिंग में, 40% इलेक्ट्रिकल सिस्टम में और बाकी 20% हीटिंग, वेंटिलेशन और कूलिंग सिस्टम में होता है. सस्ती जमीन और कम मजदूरी के चलते इसका सेटअप आसान है और ग्लोबल औसत के मुकाबले 45% कम कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ही इसका सेटअप हो जाएगा.

  • सरकार का दबाव: बजट 2022-23 में केंद्र सरकार ने डेटा सेंटर सेक्टर में इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के लिए डेटा सेंटर पॉलिसी की ड्राफ्टिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस को शुरू किया. इस स्टेटस से क्रेडिट आसानी से मिलेगा, लॉन्ग टर्म फाइनेंसिंग और रीफाइनेंसिंग के अवसर बनेंगे और सेक्टर की ग्रोथ होगी.

ऐतिहासिक ग्रोथ

साल 2000 में पहला कमर्शियल डेटा सेंटर खुला. कमजोर ग्रोथ के बीच साल 2010 तक 122 MW हो गई, यानी सालाना आधार पर 12 MW की तेजी. हालांकि, 2020 तक इसकी कैपिसिटी में 4 गुना उछाल आया है. कई एडवांसमेंट के चलते इसमें सालाना आधार पर 32 MW की तेजी आई है. केयरएज के मुताबिक, रिलायंस जियो नेटवर्क और UPI का आना इसके पीछे बड़ी वजहों में एक हैं.

केयरएज ने इस सेक्टर में अच्छी तेजी का अनुमान जताया है. 2026 तक इसके बढ़कर 2,000 MW होने का अनुमान है. अगले 3 साल में इस सेक्टर में 50 हजार करोड़ रुपये तक का निवेश किया जा सकता है.

किन शेयरों में बनेगा पैसा?

अनंत राज (Anant Raj)

इस रियल एस्टेट कंपनी का डेटा सेंटर खड़ा करने में बड़ा योगदान है. उभरते हुए इस मार्केट को पहले ही भांपने के चलते कंपनी को फायदा है. लैंड खरीदने और मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ प्रति MW के लिए कम कैपेक्स कंपनी को सपोर्ट करता है.

कंपनी के पास 56.6 लाख वर्ग फीट की कमर्शियल प्रॉपर्टी है, डेटा सेंटर कैपिसिटी 157 MW है. 3,300 करोड़ रुपये का रेंटल पूरी तरह से ऑपरेशनल है. इसके साथ ही कंपनी 300 MW डेटा सेंटर के लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.

अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises)

अदाणी एंटप्राइजेज भी भारत के बढ़ते डेटा सेंटर बूम में बड़ा अहम योगदान रख रही है. अदाणी एंटरप्राइजेज का ज्वाइंट वेंचर अदाणीकॉनेक्स (AdaniConneX) डेटा सेंटर बनाता और मैनेज करता है. बढ़ती डिमांड के चलते इसके ज्वाइंट वेंचर के पास क्लाइंट्स आ रहे हैं, जगह लीज पर देने और इसकी सर्विसेज से रेवेन्यू बढ़ रहा है.

डेटा सेंटर बिजनेस से अदाणी एंटरप्राइजेज को फायदा हो रहा है. इसकी पावर जेनेरेशन और ट्रांसमिशन में पूरे भारत में अच्छी पकड़ है, जिससे भविष्य में जमीन खरीदने और डेटा सेंटर सेटअप में मदद मिल सकती है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries)

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ग्लोबल खिलाड़ियों जैसे ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल रियल्टी के साथ डिजिटल कनेक्सायन (Digital Connexion) नाम का ज्वाइंट वेंचर बनाया है. ज्वाइंट वेंचर भारत भर में डेटा सेंटर बनाने और मैनेज करने का काम करता है. 2024 की शुरुआत में इसने चेन्नई से अपना काम शुरू किया और मुंबई के साथ दूसरी जगहों पर एक्सपेंड कर रहा है.

डेटा सेंटर में तेजी की एक बड़ी वजह डेटा की खपत है. रिलायंस जियो के चलते बढ़ने वाली खपत से डिजिटल कनेक्सायन सेंटर में भी तेजी आ रही है, जिसके चलते रिलायंस की दूसरे प्रोवाइडर्स के लिए और ऑपरेशनल कॉस्ट लग रही है. डिजिटल कनेक्सायन जियो के साथ दूसरी कंपनियों के लिए भी डेटा सेंटर का काम कर रहे हैं, जिससे कंपनी के रेवेन्यू में भी अच्छी बढ़ोतरी हो रही है.

टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग (Techno Electric & Engineering)

टेक्नो इलेक्ट्रिक डेटा सेंटर डेवलपमेंट स्पेस में ऑपरेटर के तौर पर काम कर रही है. कंपनी इस सेक्टर में $1 बिलियन का निवेश का प्लान कर रही है और 2030 तक कंपनी की कुल क्षमता 250 MW तक बनाने की है. मौजूदा प्रोजेक्ट में कंपनी चेन्नई में 24 MW फैसिलिटी वाले प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही है.

ये कंपनी इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन जैसे काम में दूसरी बड़ी डेटा सेंटर कंपनियों की मदद कर रही है.

भारती एयरटेल (Bharti Airtel)

टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) इस सेक्टर में नेक्स्ट्रा (Nxtra) के जरिए मुनाफा कमा रही है. नेक्स्ट्रा का डेटा सेंटर मार्केट में बड़ा नेटवर्क है.

नेक्स्ट्रा डेटा सेंटर में स्पेस और इससे जुड़ी दूसरी सर्विसेज के जरिए कमाई करती है. इससे भारती एयरटेल का रेवेन्यू जेनेरेट होता है. जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती है, नेक्स्ट्रा भी नए क्लाइंट जोड़ेगी, जिससे भारती एयरटेल का ओवरऑल कस्टमर बेस बनेगा.

एयरटेल नेक्स्ट्रा की डेटा सेंटर कैपिसिटी को बढ़ाने में बड़ा योगदान दे रहा है. नेक्स्ट्रा 2025 तक अपनी क्षमता को 3 गुना करना चाहती है.

एक्साइड इंडस्ट्रीज (Exide Industries)

कंपनी बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में देश की सबसे बड़ी कंपनी है. इसके पास हाई-एंड वाली डायरेक्टर करेंट बैटरी हैं, जो डेटा सेंटर एप्लिकेशन के लिए ही तैयार की गई हैं.

डेटा सेंटर भी UPS पर निर्भर हैं और आउटेज के दौरान पावर सप्लाई करते हैं. एक्साइड खुद इनकी मैन्युफैक्चरिंग नहीं करती है, उनके पास केवल बैटरी और कुछ जरूरी कंपोनेंट्स होते हैं. UPS सिस्टम की बढ़ती डिमांड से एक्साइड की बैटरी सेल्स में भी तेजी आ सकती है.

किर्लोस्कर ऑयल इंजंस (Kirloskar Oil Engines)

डेटा सेंटर को बिना रोक टोक के पावर सप्लाई की जरूरत होती है. कंपनी इसके लिए डीजल आधारित जेनेरेटर्स मैन्युफैक्चर करती है, जो आउटेज के दौरान पावर बैकअप का काम करते हैं.

कंपनी ने इसके लिए प्रोडक्ट लाइन तैयार की है. कंपनी की ऑप्टीप्राइम (OptiPrime) सीरीज के जेनेरेटर्स डेटा सेंटर के लिए ही तैयार किए गए हैं.

स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज (Sterlite Technologies)

स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज डेटा सेंटर के ऑपरेशन या निर्माण में सीधे अपनी भूमिका नहीं निभाती, लेकिन कंपनी को दूसरे तरीकों से फायदा जरूर हो सकता है.

कंपनी ऑप्टिकल फाइबर केबल्स और इससे जुड़े नेटवर्क सॉल्यूशंस की सबसे बड़ी प्रोवाइडर है. कंपनी को इस सेक्टर में तेजी आने से बड़ा फायदा हो सकता है.

ब्लू स्टार (Blue Star)

कंपनी एयर कंडीशनिंग और कूलिंग के इक्विपमेंट बनाती है. डेटा सेंटर को सही तरह से काम करने के लिए कूलिंग चाहिए. ब्लू स्टार न केवल सामान्य एयर कंडीशनर की मैन्युफैक्चरर है, वो डेटा सेंटर के हिसाब से डिजाइन किए प्रोडक्ट भी तैयार करती है.

ब्लैक बॉक्स (Black Box)

ब्लैक बॉक्स डेटा सेंटर के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करती है. कंपनी ने हाल ही में बेंगलुरु में अपना सेंटर खोला है, जिसमें कंपनी इनोवेशन पर काम करती है और डेटा सेंटर के लिए सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है.

माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स REIT (Mindspace Business Parks REIT)

माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स REIT के पास बिजनेस पार्क और कमर्शियल स्पेस का बड़ा पोर्टफोलियो है. डेटा सेंटर कैपिसिटी बढ़ने से इसकी भी डिमांड में तेजी आएगी और कंपनी खाली स्पेस को डेटा सेंटर ऑपरेटर्स के लिए लीज पर दे सकती है. कंपनी को इससे अच्छी रेंटल इनकम मिल सकती है.

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