SEBI ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए डिस्क्लोजर नियमों को किया सख्त, जानें डिटेल्स

नए नियमों के तहत, एफपीआई को अपने ढांचे या नियंत्रण में किसी बदलाव से संबंधित भ्रामक या गलत सूचना के बारे में सेबी और नामित डिपॉजिटरी को लिखित रूप में सात कार्य दिवसों में जानकारी देनी होगी.

SEBI ने कहा कि नए नियम 14 मार्च से प्रभावी हो गए हैं.

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI)  ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) यानी एफपीआई (FPI) के लिए डिस्क्लोजर नियमों को सख्त किया है. इसके तहत उनसे अपनी स्ट्रैक्चर और साझा स्वामित्व में किसी भी बड़े बदलाव का खुलासा सात कारोबारी दिन के भीतर करने को कहा गया है. एक नोटिफिकेशन के अनुसार SEBI नए  एफपीआई रजिस्ट्रेशन के संबंध में आवश्यकता पड़ने पर उनसे कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज मांग सकता है.

नए नियमों के तहत, एफपीआई को अपने ढांचे या नियंत्रण में किसी बदलाव से संबंधित भ्रामक या गलत सूचना के बारे में सेबी और नामित डिपॉजिटरी को लिखित रूप में सात कार्य दिवसों में जानकारी देनी होगी. इसके अलावा, एफपीआई को सात दिन के भीतर किसी भी दंड, लंबित कार्यवाही, जांच के निष्कर्षों के बारे में बताना होगा, जिसके लिए कार्रवाई की जा सकती है या किसी विदेशी नियामक द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

इससे पहले मौजूदा नियमों के अनुसार, एफपीआई को नामित डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को "तत्काल" सूचित करना आवश्यक था, जिसे अब "जितनी जल्दी हो सके लेकिन सात कार्य दिवसों के बाद नहीं" से बदल दिया गया है.

मार्केट एक्सपर्ट का मानना ​​है कि एफपीआई इन सूचनाओं का खुलासा करने में काफी समय लगाते थे क्योंकि नियमों में कोई सख्त समयसीमा निर्धारित नहीं थी. सेबी ने कहा कि नए नियम 14 मार्च से प्रभावी हो गए हैं.
 

लेखक NDTV Profit Desk