NCLT ने गो फर्स्ट को दी राहत, लेसर्स की दलील खारिज की

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने साफ किया कि केवल रेजोल्यूशन प्रोफेशनल ही एयरक्राफ्ट का रखरखाव और सुरक्षा कर सकता है.

Source: Reuters

NCLT ने गो फर्स्ट (Go First) को राहत दी है. उसने संकट में फंसी एयरलाइन को उसके लेसर्स द्वारा लीज पर दिए गए एयरक्राफ्ट या इंजन के इस्तेमाल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT ने साफ किया कि केवल रेजोल्यूशन प्रोफेशनल ही एयरक्राफ्ट का रखरखाव और सुरक्षा कर सकता है.

लेसर्स का क्या कहना था?

लेसर्स ने ये सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम राहत मांगी थी कि उनके एयरक्राफ्ट, इंजन और दूसरे हिस्सों को गो फर्स्ट द्वारा अनाधिकृत एक्सेस, हटाने, बदलने, संचालन या इस्तेमाल से सुरक्षित रहें. उन्होंने इंजन का निरीक्षण करने के लिए एक इंस्पेक्टर नियुक्त करने के लिए मंजूरी मांगी है. उन्होंने तर्क दिया कि क्योंकि गो फर्स्ट के साथ उनके लीज एग्रीमेंट खत्म हो गए हैं, तो एयरलाइन का एयरक्राफ्ट के ऊपर कोई अधिकार नहीं था.

गो फर्स्ट ने कहा कि अगर उसे लीज पर दिए गए एयरक्राफ्ट का संचालन करने से रोका जाता है, तो कंपनी खड़ी नहीं रह पाएगी. उसने कहा कि रेजोल्यूशन प्रोफेशनल को एयरलाइन को जारी रखने के लिए एयरक्राफ्ट और इंजन के एक्सेस की जरूरत है.

ट्रिब्यूनल ने पाया कि क्योंकि गो फर्स्ट के लिए मोरेटोरियम का ऐलान कर दिया गया था, तो उसकी किसी भी प्रॉपर्टी को लेसर्स द्वारा रिकवर नहीं किया जा सकता है. NCLT ने कहा कि लीज किया गया एयरक्राफ्ट, इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्ट्सी कोड के तहत प्रॉपर्टी के स्कोप में आएगा और उसका पजेशन खुद एयरलाइन के पास ही रहता है.

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लेसर्स के इन तर्कों को किया गया खारिज

बेंच ने लेसर्स के उन तर्कों को खारिज कर दिया कि उन्होंने पेमेंट में डिफॉल्ट की वजह से लीज एग्रीमेंट्स को खत्म कर दिया है. NCLT ने पाया कि क्योंकि इंसॉल्वेंसी की प्रक्रिया को बड़े तौर पर रिपोर्ट किया गया, तो इससे संकेत मिलता है कि मोरेटोरियम की मुश्किल से बचने के लिए टर्मिनेशन नोटिस जारी किए गए थे.

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने लेसर्स के लिए अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें उन्हें मासिक तौर पर एयरक्राफ्ट का निरीक्षण करने की इजाजत दी गई थी. उसने लेसर्स की मंजूरी के बिना गो फर्स्ट को विमान का कोई भी हिस्सा निकालने से भी प्रतिबंधित कर दिया था.

हालांकि, NCLT ने पाया कि लेसर्स कोर्ट में फाइल की गई रिट याचिकाओं में पार्टी नहीं थे. उसने कहा कि हाई कोर्ट ने मामले में कोई नया कानून नहीं पेश किया और इसलिए उसके सामने पेश लेसर्स पर NCLT का फैसला लागू होगा. NCLT के सामने पेश लेसर्स में ब्लूस्काई 31 लीजिंग, जैकसन स्क्वॉयर एविएशन आयरलैंड जैसे नाम शामिल थे.

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