महंगा कोयला बेचने के आरोपों को निवेशकों ने किया दरकिनार, अदाणी ग्रुप का मार्केट कैप $200 बिलियन के पार

अदाणी ग्रुप ने इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया, लेकिन इस न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं ने इन आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की मांग की.

Source: Reuters

बुधवार को अदाणी ग्रुप का मार्केटकैप 200 बिलियन डॉलर (16.9 लाख करोड़ रुपये) के पार निकल गया, अदाणी ग्रुप की लिस्टिंग कंपनियों के शेयरों ने बुधवार को मार्केट कैप में 11,300 करोड़ रुपये जोड़े हैं, अदाणी ग्रुप के शेयरों में जारी इस खरीदारी से ये बात बिल्कुल साफ हो गई कि निवेशकों का भरोसा अदाणी ग्रुप से हिला नहीं है, यानी निवेशकों ने उन सभी खबरों को नकार दिया है, जिसमें ये आरोप लगाया जा रहा है कि अदाणी ग्रुप की ओर से तमिलनाडु की बिजली कंपनी को कोयला सप्लाई में किसी तरह की कोई गड़बड़ी की गई है.

स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक - बुधवार को अदाणी ग्रुप के शेयरों ने मार्केट कैप में 11,300 करोड़ रुपये जोड़े हैं, लेकिन बीते दो सत्रों में ग्रुप का मार्केट कैप 56,250 करोड़ रुपये बढ़ा है.

'FT के आरोप निराधार'

अदाणी ग्रुप के मार्केट कैप में ये इजाफा उस दिन हुआ है, जब लंदन की फाइनेंशियल टाइम्स ने एक ताजा रिपोर्ट में जॉर्ज सोरोस की ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, ये आशंका जताई कि साल 2013 में खराब क्ववालिटी के कोयले को ज्यादा कीमत पर बेचकर अदाणी ग्रुप ने धोखाधड़ी की है.

अदाणी ग्रुप ने इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया, लेकिन इस न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं ने इन आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की मांग की.

अदाणी ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोयले की क्वालिटी की जांच उसको चढ़ाने और उतारने के बिंदु पर की गई थी, साथ ही कस्टम अधिकारियों और तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (Tangedco) के अधिकारियों ने भी इसकी जांच स्वतंत्र रूप से की थी. 'सप्लाई किए गए कोयले को कई बिंदुओं पर कई एजेंसियों की जांच प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होता है, ऐसे में ये साफ हो जाता है कि कम गुणवत्ता वाले कोयले की सप्लाई का आरोप न केवल निराधार और अनुचित है बल्कि पूरी तरह से बेतुका है'. इसके अलावा, भुगतान आपूर्ति किए गए कोयले की गुणवत्ता पर निर्भर है, जो जांच प्रक्रिया के जरिए ही तय किया जाता है'. प्रवक्ता ने कहा, जिन खेप को सवालों के घेरे में रखा गया था, उनकी क्वालिटी की जांच से नतीजे तय सीमा के अंदर ही मिले हैं.

आरोपों का आधार ही गलत!

इस रिपोर्ट में कहा गया कि दिसंबर 2013 में कोयला ले जाया गया, जबकि सच्चाई ये है कि जहाज वास्तव में फरवरी 2014 से पहले इंडोनेशिया से कोयला शिपिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया था.

प्रवक्ता ने कहा कि 'ये आरोप सिर्फ कोयले के FOB और CIF की कीमतों में अंतर पर आधारित हैं, जिसे कम कैलोरिफिक वैल्यू वाले कोयले की सप्लाई से जोड़ दिया गया. जबकि इन दोनों कीमतों की कोई तुलना नहीं है, बल्कि खरीद मूल्य भी खुद में उचित नहीं है, क्योंकि सप्लाई का ऑर्डर एक फिक्स्ड प्राइस कॉन्ट्रैक्ट था, जिसमें दोनों भार अपसाइड और डाउनसाइड को सप्लायर उठाता है.'

अदाणी ग्रुप ने DRI जांच की रिपोर्ट में पुराने आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि इसे फिर से दोहराने की कोशिश की गई है. ग्रुप ने कहा कि इंडोनेशिया कोयला इंपोर्ट की ज्यादा वैल्युएशन के आरोपों की जांच 40 कंपनियों के खिलाफ शुरू की गई थी. "अडानी कंपनियों ने चार साल से अधिक समय पहले DRI द्वारा मांगे गए विवरण दिए थे, इसके बाद, DRI ने और दस्तावेज नहीं मांगे हैं न ही DRI ने किसी कमी या आपत्ति के बारे में बताया है.

ग्रुप ने डील में किसी मिडिलमैन के शामिल होने के आरोपों पर कहा कि अदाणी ग्लोबल आवश्यक योग्यता और अनुभव रखने वाले लोगों/फर्म्स/व्यापारियों से कोयला खरीदता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि कॉन्ट्रैक्चुल दायित्वों को पूरा न करने से एक सप्लायर के रूप में अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति और प्रतिष्ठा प्रभावित होती है. जाहिर तौर पर इस रिपोर्ट का अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों पर कोई असर नहीं पड़ा है.

'मार्केट अब ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं'

DRChoksey FInserv के मैनेजिंग डायरेक्टर देवेन चोकसी ने कहा, "बाजार पहले के मुकाबले ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं. वो अपना फैसला देने से पहले स्थिति का आकलन करते हैं.'

मेरे नजर में अदाणी ग्रुप की कंपिनयों के फंडामेंटल्स 2014 की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत हैं और समूह 2034 में और भी मजबूत होकर उभरेगा.' पिछले एक साल में, अदाणी ग्रुप का मार्केट कैप ब्रॉडर मार्केट निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 56.6% बढ़ गया है, जो इसी अवधि के दौरान 23.3% बढ़ा है.

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