ICICI सिक्योरिटीज डीलिस्टिंग प्रक्रिया की दिशा में एक अहम डेवलपमेंट हुआ है. NLCT अहमदाबाद ने माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की आपत्तियों को खारिज करते हुए डीलिस्टिंग को मंजूरी दे दी है. इससे पहले NCLT मुंबई भी डीलिस्टिंग के लिए अप्रूवल दे चुका है. जबकि SEBI भी जून 2023 में एक एग्जेम्पशन लेटर जारी कर चुका था.
SEBI ने दी थी रियायतें
SEBI द्वारा ICICI सिक्योरिटीज के आवेदन के बाद ये लेटर जारी किया गया था. दरअसल ICICI सिक्योरिटीज ने डीलिस्टिंग के लिए जरूरी रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रोसेस से छूट के लिए 18 मई 2023 को ये आवेदन लगाया था.
NDTV Profit ने इस लेटर का रिव्यू किया है, जिसपर SEBI की तरफ से T वेंकटेश्वरालु के हस्ताक्षर हैं, साथ ही कंपीटेंट अथॉरिटी से अप्रूवल है.
दरअसल इस आवेदन में ICICI बैंक ने रेगुलेशन 37 के तहत कुछ रियायतों की मांग की थी. ICICI बैंक ने 6 जुलाई 2021 को जारी SEBI सर्कुलर में निश्चित किए गए क्रिटेरिया से भी छूट की मांग की थी.
रेगुलेशन 37 और 2021 के सर्कुलर में होल्डिंग और सब्सिडियरी कंपनीज (अगर वे एक ही बिजनेस लाइन में हैं तो) के लिए डीलिस्टिंग के दौरान पूरी की जाने वाली जरूरी शर्तों को डिफाइन किया गया है.
रियायत पाने के लिए ICICI बैंक का तर्क
ICICI बैंक का कहना था कि रेगुलेटरी रिस्ट्रिक्शंस के चलते एक ही एंटिटी में बैंकिंग और स्टॉक ब्रोकिंग की गतिविधियों को चला पाना संभव नहीं है.
मतलब ये हुआ कि रेगुलेटरी रूल्स ने ICICI बैंक को एक ही कंपनी स्ट्रक्चर के तहत दो अलग-अलग तरह के इन बिजनेसेज को चलाने से रोका. इसलिए बैंक ने डीलिस्टिंग के दौरान 'एक ही बिजनेस लाइन' से जुड़े नियमों में छूट की मांग की.
इसके जवाब में SEBI ने जरूरी एग्जेम्पशन देने पर सहमति जताई थी और रेगुलेशन 37 के पालन में ICICI बैंक को कुछ छूट की अनुमति दी गई.
शर्तों के साथ दी गई थी रियायत
लेकिन ये एग्जेम्पशन कुछ विशेष शर्तों के साथ दिया गया था. रेगुलेटर ने साफ कहा कि इस एग्जेम्पशन लेटर को कानूनी बाध्यताओं से छूट के तौर पर ना देखा जाए. ये डीलिस्टिंग रेगुलेशंस में सिर्फ कुछ विशेष प्रावधानों से छूट के लिए जारी किया गया है, ताकि ICICI बैंक अपनी डीलिस्टिंग प्रक्रिया पर आगे बढ़ सके.
बता दें NCLT मुंबई द्वारा अप्रूव स्कीम के मुताबिक ICICI सिक्योरिटीज शेयरहोल्डर्स को हर 100 शेयर्स के लिए ICICI बैंक के 67 शेयर्स मिलेंगे. इससे पहले इस स्कीम को 93.8% ICICI सिक्योरिटीज इक्विटी शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिली थी.
क्वांटम म्यूचुअल फंड और मनु ऋषि गुप्ता ने इस स्कीम का विरोध किया था, दोनों के पास ICICI सिक्योरिटीज के क्रमश: 0.08% और 0.002% शेयर्स थे. उन्होंने वोटिंग प्रोसेस में ICICI बैंक कर्मचारियों के गलत प्रभाव का तर्क दिया था.