क्‍या है PM विश्वकर्मा योजना, कैसे 30 लाख कारीगर-शिल्‍पकार परिवारों को होगा फायदा

आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने इस योजना की घोषणा की थी.

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PM Vishwakarma Scheme Explained: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में आर्थिक मामलों की समि‍ति ने PM विश्‍वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है. एक दिन पहले ही मंगलवार को आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने इस योजना की घोषणा की थी और आज इस पर कैबिनेट की मुहर भी लग गई.

विश्वकर्मा पूजा के दिन 17 सितंबर को PM माेदी इस योजना का शुभारंभ करेंगे. मौजूदा वित्त वर्ष से अगले 5 साल यानी 2027-28 तक की अवधि के लिए इस योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके तहत पहली बार में 18 ट्रैडिशनल ट्रेड्स (पारंपरिक व्‍यापार) को शामिल किया गया है.

30 लाख परिवारों को होगा फायदा

PM विश्वकर्मा योजना से बुनकर, सुनार, लोहार, धोबी, चर्मकार समेत 18 तरह के पारंपरिक कारीगरों और शिल्‍पकारों के करीब 30 लाख परिवारों को फायदा होगा.

इस योजना का उद्देश्‍य 'गुरु-शिष्य परंपरा' या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों-शिल्पकारों के परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है.

केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसका उद्देश्‍य कारीगरों और शिल्‍पकारों को वित्तीय सहयोग देकर उन्‍हें मजबूत करना है, ताकि उनके जीवन स्‍तर में सुधार हो.

किन्‍हें मिलेगा फायदा?

विश्वकर्मा योजना के तहत पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता मिलेगी. इसके तहत 18 कैटगरी के कारीगर और शिल्‍पकार शामिल किए गए हैं.

  • बढ़ई (लकड़ी का काम करने वाले)

  • नाव बनाने वाले कारीगर

  • अस्‍त्रकार (Armourer)

  • लोहार, हथौड़ा और औजार बनाने वाले

  • ताला बनाने वाले कारीगर

  • सोनार (आभूषण बनाने वाले)

  • कुम्हार (मिट्टी के बर्तन और अन्‍य सामान बनाने वाले)

  • मूर्तिकार

  • पत्थर तोड़ने वाले कारीगर

  • मोची/चर्मकार/जूता कारीगर

  • राजमिस्त्री

  • टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले कारीगर

  • पारंपरिक गुड़िया और खिलौना बनाने वाले

  • नाई (सैलून और ब्‍यूटी पार्लर चलाने वाले)

  • मालाकार

  • धोबी

  • दर्जी

  • मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले कारीगर

कारीगरों-शिल्‍पकारों को क्‍या फायदे होंगे?

  • इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को PM विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और ID कार्ड के माध्यम से विशेष पहचान दी जाएगी.

  • 2 तरह के कौशल कार्यक्रम होंगे- बुनियादी प्रशिक्षण (Basic Training)और उन्नत प्रशिक्षण (Advance Training).

  • केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को हर दिन 500 रुपये का वजीफा (Stipend) भी दिया जाएगा.

  • शिल्‍पकारों और कारीगरों को महज 5% की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक की क्रेडिट सहायता दी जाएगी.

  • केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कारीगरों और शिल्‍पकारों को आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की सहायता भी मिलेगी.

  • ये योजना उनके स्किल डेवलपमेंट, टूलकिट इंसेंटिव, डिजिटल ट्रांजैक्‍शन के लिए इंसेंटिव के साथ-साथ मार्केटिंग सपोर्ट में भी मदद करेगी.

केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि पहले साल 5 लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा, जबकि 2027-28 तक 30 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा.

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