PM Modi in G7 Summit: इटली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, PM मेलोनी से होगी द्विपक्षीय मुलाकात; AI, एनर्जी समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा

तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ये PM मोदी की पहली विदेश यात्रा है. G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इटली के पास G7 की मौजूदा प्रेसिडेंसी है, इसलिए समिट की मेजबानी कर रहा है.

Source: X/PMO/G7 Italy

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच चुके हैं. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इस समिट में कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे. गुरुवार को इटली के दौरे पर निकलते समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका ध्यान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, एनर्जी, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर होगा. तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ये उनकी पहली विदेश यात्रा है.

G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इटली के पास G7 की मौजूदा प्रेसिडेंसी है, इसलिए समिट की मेजबानी कर रहा है.

G7 में किन मुद्दों पर होगी चर्चा

इटली के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर, मैं 14 जून को G7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलीया क्षेत्र की यात्रा कर रहा हूं. G7 समिट के आउटरीच सेशन में ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा'. उन्होंने कहा, 'ये भारत की अध्यक्षता में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन और अगले G7 शिखर सम्मेलन के नतीजों के बीच अधिक तालमेल लाने और उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का मौका होगा, जो ग्लोबल साउथ के लिए जरूरी हैं.

G7 समिट 13 से 15 जून तक अपुलीया क्षेत्र में बोर्गो इग्नाजिया के लग्जरी रिजॉर्ट में आयोजित किया जा रहा है, माना जा रहा है कि इस बार G7 समिट में यूक्रेन में चल रही जंग और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहेगा. PM मोदी इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. PM मोदी ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री मेलोनी की पिछले साल भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में महत्वपूर्ण रहीं हैं'.

हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और भारत-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं'. इस समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की कई द्विपक्षीय बैठकें होने की संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि 'मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले बाकी नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं.

 मिडिल ईस्ट का मामला भी रहेगा फोकस में

इटली का अपनी प्रेसिडेंसी में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करना मुख्य फोकस है. इटली के मुताबिक, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के युद्ध ने उसके सिद्धांतों को कमजोर कर दिया है और बढ़ती अस्थिरता को जन्म दिया है, जिससे दुनिया के सामने कई गंभीर संकट पैदा हुए हैं, इटली का कहना है कि इसके अलावा G7 मिडिल ईस्ट में संघर्ष को वैश्विक एजेंडे पर इसके नतीजों को भी बराबर का महत्व देगा.

रूस को शामिल करने के साथ, 1997 और 2013 के बीच इस ब्लॉक का G8 में विस्तार हुआ था, लेकिन क्रीमिया पर कब्जे के बाद 2014 में रूस की भागीदारी निलंबित कर दी गई थी.

ग्रुप की परंपरा के मुताबिक कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को मेजबान देश की ओर से शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जाता है जो इसकी अक्ष्यक्षता करता है. भारत के अलावा, इटली ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को भी बुलाया है. हालांकि यूरोपीय यूनियन G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन ये इस समिट में हिस्सा लेता है.

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