लोकतंत्र, आतंकवाद और युद्ध से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से अमेरिकी संसद ऐसे प्रभावित हुई कि सांसदों ने खड़े होकर तालियों के साथ PM मोदी का अभिवादन किया.
'AI का मतलब, अमेरिका-इंडिया'
प्रधानमंत्री मोदी ने आज के जमाने में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का असली मतलब समझाया. उन्होंने कहा कि आज का दौर AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का है. मैं आपको आज एक और AI से अवगत कराता हूं. इस AI को मैं अमेरिका और इंडिया कहकर बुलाता हूं.
'हमने 200 वर्षों में आपसी मूल्यों को बढ़ाया'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और अमेरिका सबसे पुराना लोकतंत्र है, जबकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. हमने 200 वर्षों से आपसी विश्वास को बढ़ाया है. दोनों ही देशों पर महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर का असर है.दो सदी तक हमने एक-दूसरे को प्रभावित किया है. भारत और अमेरिका के लिए लोकतांत्रिक मूल्य मायने रखते हैं
'7 साल में बहुत कुछ बदला'
PM मोदी ने बताया कि 'यहां मैं 7 वर्ष पहले आया था, उस दौरान में मैंने कहा था कि इतिहास की हिचक कभी हमारे साथ चलती थी, अब हम नई राह पर खड़े हैं. 7 साल पहले से लेकर अबतक काफी कुछ बदला है. लेकिन भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती बरकरार है.
उन्होंने कहा कि भारत में 2500 राजनीतिक दल हैं. एक हजार से ज्यादा भाषाएं हैं. हर 100 मील पर खानपान बदल जाते हैं. दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा भारत में रहता है. भारत का विकास दूसरे देशों को प्रेरित करता है.
'ग्लोबलाइजेशन के नुकसान भी हैं'
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये युद्ध का समय नहीं है. यूक्रेन में हो रहे खून-खराबे को रोकने के लिए हर तरह से कोशिश करने की जरूरत है. मैं मानता हूं कि ये दौर युद्ध का नहीं है.
ये दौर कूटनीति और बातचीत का है. प्रधानमंत्री ने इशारों इशारों में चीन पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा, 'ग्लोबलाइजेशन का एक नुकसान ये हुआ है कि सप्लाई चेन सीमित हो गई है. हम मिलकर कोशिश करेंगे कि सप्लाई चेन भी डी-सेंट्रलाइज्ड हो और लोकतांत्रिक हो.